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मुर्मू ने कहा कि जल, जंगल और जमीन को बचाने में आदिवासी समुदाय का अहम योगदान है

आधिकारिक बयानों के अनुसार इस अवसर पर राष्ट्रपति नेजन जातीय समुदाय के लोगों द्वारा कम उम्र में बच्चों का विवाह नहीं करने और बाल पलकों की शिक्षा पर अधिक ध्यान देते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भी आह्वान किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि आदिवासी समुदाय का जल-जंगल और जमीन को बचाने में महती योगदान है। राष्ट्रपति ने यहां राजभवन में सहरिया और कथौड़ी जनजाति समुदाय के प्रतिनिधियों की बैठक की। इस दौरान वे उनसे बातचीत करते हुए अपनी रोज़मर्रा की तरह की जानकारी ली। आधिकारिक बयानों के अनुसार इस अवसर पर राष्ट्रपति नेजन जातीय समुदाय के लोगों द्वारा कम उम्र में बच्चों का विवाह नहीं करने और बाल पलकों की शिक्षा पर अधिक ध्यान देते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भी आह्वान किया।

संवाद के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्रण और अशोक गहलोत भी मौजूद हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने सहरिया व कथौड़ी जनजाति समुदाय के लोगों को अपने बच्चों को अधिक अधिकृत और स्वावलम्बन से जोड़ों के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि बेटियों को अधिक से अधिक लोगों की जरूरत है; इसी से उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समुदाय का जल-जंगल और जमीन को बचाने में महती योगदान है। उन्होंने आदिवासी समुदाय को मेहनत-मजदूरी करते हुए युवा पीढ़ी को श्रम से लेकर जीवन को संवारने के लिए प्रेरित करने का भी आह्वान किया।

राष्ट्रपति मुर्मु ने सहरिया और कथौड़ी जनजाति समुदाय के बाद प्रतिनिधियों से बातचीत की बजाय स्वयं अपने स्तर पर ऐसे बैठे लोगों के पास जाने लगे। उन्होंने समुदाय के प्रतिनिधियों की रोज़गार के मार्ग के बारे में भी बातचीत की और उन्हें प्रियां, बिजली और अन्य सुविधाओं के बारे में पूछा। राष्ट्रपति ने इस दौरान सरकारी योजनाओं के साथ-साथ स्वयं मेहनत-मजदूरी करने की नौकरी को आगे जिम्मेवार पारम्परिक हुनर ​​और हस्त कौशल से जुड़े कार्यों के माध्यम से स्थानांतरण के अधिकाधिक प्रयास किए जाने पर भी जोर दिया।

राष्ट्रपति ने बातचीत के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना, अतिला योजना आदि के साथ ही राज्य सरकार स्तर पर जनजाति समुदाय के कल्याण के लिए कार्रवाई योजनाओं के बारे में भी सहरिया और कठौड़ी आदिवासी समुदाय की महिलाओं और पुरुषों से बातचीत कर जानकारी ली। बाद में वे वहां राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा और अन्य अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों में जन कल्याण से संबंधित योजनाओं के व्यवहार में करार करने जाने के निर्देश दिए।

उन्हें छत्र पालन और अन्य ऐसे कार्यों को प्रोत्साहन देने के साथ ही आदिवासी समुदाय द्वारा जंगल से जुड़े उत्पादों के विपणन की प्रभावी व्यवस्था करने के लिए भी कार्य करने की आवश्यकता है। राज्यपाल मिश्रण ने कई क्षेत्रों में संवाद के तहत राजभवन की शुरुआत करने वाले कार्यों के बारे में जाने वाले कार्यों के बारे में दावा करने वाले युवाओं को कौशल विकास और रोजगार कार्यक्रम चलाने के बारे में जाने के बारे में जानकारी दी। सर गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार उल्लेखनीय कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। वे अधिकारियों को राष्ट्रपति मुर्मू के निर्देशों के तहत विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को व्यावहारिक स्तर पर बनाए रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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