डोमेन्स
मुंबई के शख्स ने दोस्तों के साथ मिलकर शातिर प्लान बनाया
भारतीय जीवन बीमा निगम से 2 करोड़ की ठगी की कोशिश
जांच में सामने आई पूरी सच्चाई, 3 घटनाएं गिरफ्तारियां
मुंबई। मुंबई (Mumbai) से ठगी (Insurance Fraud) का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां बदमाशों ने किसी और को नहीं बल्कि सीधे भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को ठगने की कोशिश की, लेकिन संभव नहीं हो सके। उनकी शातिर योजना फेल हो गई और अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। दरअसल, मुंबई की शिवाजी पार्क पुलिस ने 30 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद की मौत का नाटक किया। इसलिए ही नहीं उसके दो दोस्तों ने भी 2 करोड़ रुपये का आश्वासन क्लेम हासिल करने में उसकी मदद की। अब ये भी पुलिस की गिरफ्त में हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पहले पुलिस को शक था कि दिनेश स्टीरियोके नाम के शख्स की मां भी इस पूरे खेल में शामिल थी। लेकिन फिर जांच में पुलिस को पता चला कि दुर्घटना ने फर्जी प्रतिशत बनाए थे जो उसके मृत शरीर की पहचान कर सकते थे। डुप्लीकेट माता-पिता ने दावा किया था कि बुरी तरह कुचलकर लाश उनके बेटे की है। डेड बॉडी की हालत काफी खराब थी। शव का चेहरा बेरहमी से कुचला गया था, जिसकी पहचान करना काफी मुश्किल था।
फर्जी माता-पिता की तलाश कर रही पुलिस
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक अब पुलिस उन लोगों की तलाश कर रही है जिनको दिनेश ने अपना फर्जी माता-पिता बनाया था। इसलिए ही नहीं इस बात की भी जांच हो रही है कि ये बुरी तरह कुचली गई डेड बॉडीज आखिर किस शख्स की है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, इस पूरे खेल में दिनेश के दो दोस्तों ने भी उसकी मदद की थी। उनकी पहचान अनिल लटके और विजय मालवड़े के तौर पर पुलिस ने की है।
मनपाड़ा के सभी आरोप हैं
पुलिस का कहना है कि सभी अहमदाबाद के हैं। अब पुलिस एक सड़क हादसे में एक शख्स की मौत की भी जांच कर रही है। पुलिस को लगता है कि एक्स डेश ने इसी शख्स के फर्जी दस्तावेज एलआईसी में जाम किए हुए थे। बीमा कंपनी को जब दिनेश पर शक हुआ तो शिवाजी पार्क पुलिस को मामले की शिकायत की गई। पुलिस ने पंच की मां नंदाबाई के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था। फिर जांच में पता चला कि साजिश में उनका हाथ नहीं है बल्कि वे बेटे के कारनामों को परदाफाश करने में पुलिस की मदद की।
फर्जी दस्तावेज थे फर्जी दस्तावेज
पुलिस का कहना है कि पूरा मामला 2015 का बताया जा रहा है। विवेक दिनेश ने आर ज़बरदस्ती फर्जी दस्तावेज़ जाम किए गए थे। उसके फेक टैक्स पेपर जाम और 8 करोड़ रुपये की शिकायत ली. फिर जांच के बाद एलआईसी ने उसे 2 करोड़ रुपये की ही गारंटी दी। सेंस ने 2016 तक प्रीमियम का प्रीमियम फिर 2017 में दावा किया कि दिनेश की मौत हो गई है।
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अहमदनगर ने एक्सीडेंट डेथ का मामला दर्ज किया था, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं मिला था। फिर कुछ दिनों बाद एक कपल ने कोर्ट में दावा किया कि वे दिनेश के माता-पिता हैं। बीमा कंपनी भी हैरान थी कि मौत के महज 1.5 साल बाद ही क्लेम करने के लिए लोग सामने आ गए। फिर एलआईसी ने मामले की जांच शुरू की. फिर पता चला कि 2012 में दिनेश के पिता की भी मौत हो गई थी। फिर कंपनी दिनेश के मां तक पहुंची और पूरे मामले का खुलासा हो गया।
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पहले प्रकाशित : 09 मार्च, 2023, 15:59 IST