
मुंबई खबर: मुंबई में चौंका देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यहां 43 साल का एक शख्स उसके साथ रहने वाले नाबालिग को कई दिनों तक परेशान कर रहा था। उन्हें देखकर ‘मेरा तेरा नूरानी है’ गाना गाया था। पीड़िता और उसका परिवार इस हरकत से खासे परेशान थे। आखिरकार लड़की की मां ने थाने में जाने की हिम्मत जुटाई तो हिंसक हो गए और नाबालिग लड़की ने प्रचार किया। इस मामले में अब कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई है।
जानें- पूरा मामला
सदी के प्रति सख्ती का रवैया अपनाते हुए कोर्ट ने कहा कि निश्चित रूप से वह एक पड़ोसी के रिश्तेदार जानता है कि पीड़ित नाबालिग थी, कॉलेज में पढ़ती थी। सेंचुरी का अपना परिवार भी है। यहां तक कि चक्कों और पीड़ाओं के बीच उम्र को देखते हुए, दंश का ठीक-ठीक न्याय करना ठीक नहीं है। एनबीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला 12 मार्च, साल 2017 का है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘दोपहर करीब 2 बजे नाबालिग अपनी मां को मोबाइल फोन देने जा रही थी, जो इलाके के पास अपनी मौसी के घर पर थी। नाबालिग का पड़ोसी है। घटना के कुछ दिन पहले तक वह अवयस्क का पीछा करता था और उसे गाना गाता था। उस दिन भी वह गाते हुए उसके पीछे पीछे चला गया। वो गाना गा रहा था, ‘चेहरा तेरी नूरानी है।’ जब वह अपनी मां के यहां पहुंची तो उसने सदी से पूछा कि उसे क्या समस्या है और वह उसका पीछा क्यों कर रही है? दुर्घटना ने आवाज में उससे मिलना शुरू कर दिया।
कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई
जब पीड़िता की मां थाने में रिपोर्ट दर्ज की जा रही थी, तो पंच ने पीड़िता को अपनी चपेट में ले लिया और उसके साथ मारपीट की। इसके बाद नाबालिग और उसके परिवार की पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। वहीं, अब तक तीन साल की सजा मिली है।
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