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मुख्तार अंसारी न्यूज: पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को बंदा जेल में अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है। उन्होंने विशेष न्यायाधीश (एमपी-लुकाए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत में वकील से प्रार्थना पत्र देकर बांदा जेल में जान का खतरा बताया है। अर्जी में आरोप है कि कुछ लोग तीन बार बिना यूनिफार्म बैरक में घुसे। खुद को एसपी बंदा दस्तावेजों को देखते हुए कॉपी ले गए। कोर्ट से फुटेज सुरक्षित करने के लिए जोर लगा रही है। कोर्ट ने एडीजीसी से रिपोर्ट तलब की थी। सोमवार को रिपोर्ट देखकर सुरक्षित रहता है।
अवदेश राय हत्याकांड में 19 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी के दौरान पूर्व न्यायाधीशों ने अदालत को घटना से अवगत कराया था। कोर्ट में अपनी वकीली के जरिए प्रार्थना पत्र भी दिया था। आरोप लगाया गया कि एक अप्रैल, 19 अप्रैल और 19 मई को पेशी से पूर्व सुबह 10 बजे कपड़ों में कुछ लोग जेल की एंट्री बुक पर बिना उपस्थिति दर्ज किए पहुंचे। सटीक प्रमाण दस्तावेजों को आईकार्ड, पैनकार्ड, अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि के साथ देखे और न दिखाएं। मुतार ने आरोप लगाया कि जेल में परेशान किया जा रहा है। धरना प्रदर्शन किया जा सकता है। बैरक में संलग्न की सुरक्षा करने की मांग वकील के माध्यम से की जाती है।
आर्म्स एक्ट में सुनने पर रोक
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर की विशेष अदालत में आर्म्स एक्ट मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी है। पैरवी सरकार की अर्जी पर सुनवाई को 20 जुलाई की तारीख फट रही है। मजदूर की हत्या के मामले में मुख्तार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एमपी-लॉ स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने जिरह की अगली तारीख 30 मई तय की है।



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