यह कार्रवाई न केवल आरोपी के आर्थिक साम्राज्य पर कड़ा प्रहार है, बल्कि राज्य सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार और अपराध पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ा संदेश भी है।
हत्याकांड ने हिलाया देश का मीडिया जगत
पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या ने छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे देश के मीडिया जगत को झकझोर कर रख दिया था। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के मास्टरमाइंड सुरेश चंद्रकार को कल हैदराबाद से पकड़ा गया।
यह हत्याकांड न केवल पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है, बल्कि राज्य में अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस को भी उजागर करता है।
पीडब्लूडी की सख्त कार्रवाई
पीडब्लूडी ने सुरेश चंद्रकार के ‘ए’ श्रेणी के ठेकेदार लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। विभाग का कहना है कि यदि कानूनी प्रक्रियाओं में कोई बाधा नहीं आई, तो इसे जल्द ही निरस्त कर दिया जाएगा।
इसके अलावा, बस्तर क्षेत्र में सुरेश चंद्रकार को दिए गए 207 करोड़ रुपए के टेंडर रद्द कर दिए गए हैं।
रद्द किए गए टेंडर:
- नेलसनार कोडोली-मिरतूर-गंगलूर सड़क निर्माण:
- कुल 52 किलोमीटर के 30 भागों में से 17 हिस्सों का काम सुरेश चंद्रकार को दिया गया था। इसमें से उसने 12 हिस्से पूरे कर लिए थे। शेष 5 भागों का 25 करोड़ का ठेका अब रद्द कर दिया गया है।
- कुटरु-फरसगढ़ सड़क निर्माण:
- इस 182 करोड़ रुपए के टेंडर को भी रद्द कर दिया गया है।
सुरेश चंद्रकार का साम्राज्य खत्म होने की ओर
पीडब्लूडी की इस कार्रवाई से सुरेश चंद्रकार का ठेकेदारी साम्राज्य पूरी तरह खत्म होता नजर आ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वह जेल से जमानत पर बाहर भी आता है, तो छत्तीसगढ़ में ठेकेदारी करने का मौका उसे दोबारा नहीं मिलेगा।
सरकार का संदेश: अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
राज्य सरकार ने इस कार्रवाई के जरिए यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पत्रकारों के खिलाफ हो रही हिंसा और भ्रष्टाचार को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहले ही घोषणा की थी कि राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून लाया जाएगा।
इस घटना ने सरकार और समाज के सामने यह गंभीर सवाल खड़ा किया है कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में, जहां पत्रकार अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए जान जोखिम में डाल रहे हैं, वहां उनकी सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे।
सुरेश चंद्रकार की गिरफ्तारी और पीडब्लूडी द्वारा की गई सख्त कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि अपराध और भ्रष्टाचार पर राज्य सरकार का रवैया बेहद सख्त है। पत्रकार मुकेश चंद्रकार को न्याय दिलाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।