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‘ मि। इंडिया’ में अनुपम खेर होते हैं मोगैंबो; 60% हो चुकी थी शूटिंग, फिर ऐसे हुई अमरीश पूरी की एंट्री

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12 जनवरी 2005 को कैंसर के कारण अमरीश पुरी का निधन हो गया था।
फिल्म ‘मि. इंडिया के शेखर कपूर को पसंद आए थे अमरीश।

मुंबई। फिल्मी दुनिया में जितना अहम स्थान हीरो का है, उतना ही महत्व विलेन का भी है। यदि विलेम दमदार ना हो तो फिल्म का एक पक्ष कमजोर सा लगता है। हिन्दी सिने जगत के ऐसे ही एक विलेन रहे हैं अमरीश पुरी (अमरीश पुरी)। ये अपने अभिनय से फिल्मों में जान डाल देते थे। इनमें से कई सकारात्मक भूमिकाएँ भी निभाई जाती हैं लेकिन उनका नाम मुख्य: नकारात्मक विवरण के लिए याद किया जाता है। साल 2005 में आज ही के दिन बॉलीवुड के इस जीनियस अभिनेता को खो दिया था। अमरीश पुरी की डेथ एनिवर्सरी (पुण्यतिथि) पर आइए, उनकी प्रसिद्ध चरित्र ‘मोगैंबो’ की बात करते हैं।

अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को पंजाब में हुआ था। अभिनय के शौकीन अमरीश साल 1967 से 2005 तक फिल्मी दुनिया में सक्रिय रहे। वे 450 से भी बड़ी फिल्मों में अपना टैलेंट दिखाते हैं। अमरीश अपने पहले स्क्रीन टेस्ट में फेल हो गए थे। इसके बाद वे पृथ्वी थिएटर से जुड़ गए। 70 के दशक में अमरीश ने सपोर्टिव रोल किए। इसके बाद 1982 में सुभाष घई की फिल्म ‘विधाता’ (विधाता) में वे मुख्य विलेन के तौर पर दिखाई दीं। अपनी आवाज़ और अभिनय के दम पर उन्होंने कई नकारात्मक चरित्रों को लोगों के जेहन में बसा दिया।

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(पीसी: twitter@FilmHistoryPic)

अनुपम खेर को रिप्लेस किया था
अमरीश की फिल्म में होना ही दर्शकों को अपनी ओर खींच लेता था। 1987 में जब वे ‘मोगैंबो’ के चरित्र के माध्यम से सबके सामने आए तो वे चर्चा का विषय बन गए। 1987 में आई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ (मिस्टर इंडिया) में उन्होंने ‘मोगैंबो’ (मोगैंबो) की भूमिका निभाई थी। बहुत कम लोगों को पता चलता है कि इस फिल्म के लिए सबसे पहले अनुपम खेर से बात हुई थी और वे इसके लिए शूटिंग भी शुरू कर चुके थे। फिल्म के करीब 60 साल के हिस्से में शॉट होने के बाद शेखर कपूर (शेखर कपूर) विलेन को लेकर नहीं थे। ऐसे में अमरीश का कॉन्टेक्ट किया गया और उन पर ‘मोगैंबो’ का चरित्र सूट कर रहा था। बस, शेख ने उन्हें फिल्म करने का इशारा दे दिया। फिल्म में उनका डायलॉग ‘मोगैंबो खुश हुआ’ आज भी लोग याद करते हैं।

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अमरीश भी थे हैरान
अमरीश ने अपनी आत्मकथा ‘दि एक्ट ऑफ लाइफ’ में भी इसका जिक्र किया था। उनका कहना था कि शेख वे भी के इस फैसले से अचंभित थे। उन्हें लग रहा था कि जब फिल्म के लुक से ज्यादा शूटिंग हो गई है, तब शेखर को उनकी याद क्यों आई। बोनी कपूर ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि जावेद ने जिस तरह के विलेन का चरित्र रचा था, उसमें सिर्फ अमरीश ही फिट बैठे थे। यही कारण था कि फिल्म की आधी शूटिंग होने के बाद उन्हें फिर से हटा दिया गया।

बता दें कि अमरीश ने 60 दिनों में इस फिल्म की शूटिंग पूरी की थी। फिल्म के लिए 5 अलग-अलग सेट तैयार किए गए थे। फिल्म में अनिल कपूर और श्रीदेवी की मुख्य भूमिका थी। 12 जनवरी 2005 को कैंसर के कारण अमरीश ने 72 साल की उम्र में अलविदा कह दिया था।

टैग: अमरीश पुरी, अनुपम खेर, पुण्यतिथि विशेष, शेखर कपूर

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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