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MP News 30 साल बाद खप्पर योग में शनैश्चरी अमावस्या, अच्छे भाग्य के लिए करें ये काम

शनैश्चरी अमावस्या: मकर संक्रांति के बाद आने वाली शनिश्चरी अमावस्या इस बार विशेष योग के साथ आ रही है। इस दिन पूजा अर्चना करने से भगवान शनिदेव की कृपाती है और सारे संकट दूर हो जाते हैं। पंचांग की गणना के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष में आगमन अमावस्या ऑफर मनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस बार अमावस्या के दिन शनिवार होने से यह शनिश्चरी अमावस्या कहलाएगी।

पंडित अमरवाला के अनुसार 21 जनवरी को आने वाली शनिश्चरी अमावस्या विशेष इसलिए भी जानी जाती है कि इस अमावस्या के आसपास उत्तरायण का प्रभाव दृष्टिगोचर होता है। धार्मिक कार्य तथा पुण्य की वृद्धि एवं तीर्थाटन के लिए यह दिन विशेष रूप से पूजा और मान्यता है।

दान, तीर्थ यात्रा, भागवत श्रावण से विशेष लाभ मिलेगा

ज्योतिषाचार्य पंडित अमरवाला के अनुसार भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों में, सुंदर एवं आध्यात्म का कारक ग्रह शनि में राशि परिवर्तन करते हैं। इतने दशकों के दौरान कभी वक्र अवस्था और कभी मार्गी अवस्था चलती रहती है। गणना के चक्र के बाद शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इस बार मनी अमावस्या पर शनि राशि परिवर्तन 4 दिन पहले ही हो जाएगा।

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कुंभ राशि के शनि के साक्षी में इस बार के मौनी अमावस्या का महापर्व योग बन रहा है। विशेष यह भी है कि मकर राशि में सूर्य शुक्र की युति और मूल त्रिकोण, त्रिकोण के अधिपति की स्थिति खप्पर योग का निर्माण कर रही है। शनि कुंभ राशिफल मूल प्रवेश की अवस्था 30 साल बाद बन रही है। इस दृष्टि से यह 30 वर्ष बाद मौनी अमावस्या का महापर्व रहेगा। इस दान के दौरान तीर्थ यात्रा, भागवत श्रावण आदि का विशेष महत्व है और ऐसा करने से पुण्य प्राप्त होता है।

शनि की अनुकूलता के लिए दान करें
ज्योतिषाचार्य श्री उपदेशक के अनुसार अमावस्या तिथि के अधिपति पितृ देवता हैं। इस दौरान तीर्थ स्नान एवं के कलश में काले तिल होते हैं, सोने का दाना वैध ब्राह्मण को दान करने से रोग, दोष, बाधा की निवृत्ति है। साथ ही सीधा खड़ा धान दान करने से भी योजनाओं की स्थिरता होती है जिससे कार्य में प्रगति के रास्ते खुलते हैं। गायों को घास से भी कुल वृद्धि का रास्ता बनता है।

अस्वीकरण: यहां बताई गई जानकारी सिर्फ संदेशों और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी विशेषज्ञ की जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित सलाह लें।

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