UNITED NEWS OF ASIA. शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में पुलिस की संवेदनशीलता और आपसी सामंजस्य का हाल ऐसा है कि एक थाने में जिस युवक के गुमशुदा होने का मामला दर्ज हुआ था, तो वहीं बगल के दूसरे थाना क्षेत्र में उसका संदिग्ध रूप से अज्ञात शव मानते हुए उसे दफना दिया गया था। 5 दिन बाद शिनाख्त होने पर शव को कब्र से फिर निकाला गया और परिजनों को सौंपा गया।
क्या है माजरा
दरअसल, जिले के बुढार थाना क्षेत्र के बिड़ला माइंस रोड गोपालपुर सड़क के किनारे 14 जनवरी को 24 घंटे से अधिक समय से एक अज्ञात युवक का संदिग्ध अवस्था में शव मिला। आशंका जाहिर की गई की अज्ञात युवक की ठंड के चलते मौत हो गई होगी। शव मिलने पर बुढार पुलिस ने पुलिसिया कार्रवाई करते हुए उस अज्ञात शव को जमीन में दफना दिया। जिसका पड़ोस के थाने में 11 जनवरी को गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज थी। जिसकी पहचान धनपुरी के रहने वाले ऋतिक उर्फ भोला बर्मन के रूप में हुई।
5 दिन बाद मिला परिजनों को मिला शव
भोला के लापता होने पर उसकी मां ने उसके मिसिंग की रिपोर्ट धनपुरी थाने में दर्ज कराई थी। जिसकी परिजन लगातार तलाश कर रहे थे। 5 दिन बाद उन्हें पता लगा कि भोला का शव बगल के थाना बुढार क्षेत्र में मिला, जिसे बुढार पुलिस ने लावारिस मानते हुए पुलिसिया कार्रवाई करते हुए उसे नियमतः दफन करा दिया था। जिसकी अब पहचान होने पर बुढार पुलिस ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में शव को कब्र खोदकर निकलवाया। और परिजनों के हवाले कर दिया।
पुलिस पर खड़े हुए सवाल
अब सवाल यह खड़ा होता है कि जब बगल के थाने में युवक की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज थी, तो पुलिस ने पड़ताल किए बिना ही उसका शव दफन क्यों करा दिया। या फिर जिस थाने में मिसिंग कि रिपोर्ट दर्ज थी उस थाने के पुलिस ने उसकी पड़ताल क्यों नहीं की? वहीं इस पूरे मामले में शहडोल एसपी रामजी श्रीवास्तव का कहना है कि बुढार थाने में मृतक एक दिन बाद बुढार थाने में सूचना मिली थी, जिसका पीएम करा अस्पताल में बॉडी सुरक्षित रखने के लिए कहा गया था। लेकिन अस्पताल का फ्रीजर खराब होने की वजह से उसे दफनाया गया।
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