मध्य प्रदेश समाचार: मध्य प्रदेश के इंदौर (इंदौर) में सात साल की मासूम बच्ची की हत्या करने वाले पंच सद्दाम को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से लड़की की हरबतातापूर्वक जगन्य तरीके से हत्या की गई है। वह ब्रुटल सार्वभौमिकता को मानता है। यह समाज के लिए खतरा है, यह किसी भी प्रकार से मर्सी का शिकार नहीं है।दरअसल, 23 सितंबर 2022 को इंदौर के आज़ाद व्यक्ति नगर में एक सात वर्षीय बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरे से बीमार सद्दाम वहां पहुंचे और बच्ची को अपने घर ले गए। सद्दाम को पास में ही रहने वाली एक महिला ने देखा कि उसने उसका पीछा भी किया था, लेकिन सद्दाम ने लड़की को कमरे में अपने साथ बंद कर लिया था।
उसी समय सद्दाम लड़की को बुरा हाल हो गया था, लेकिन महिला के देखने और लड़की के विरोध करने के बाद सद्दाम ने पकड़ा के डर से लड़की के शरीर पर चाकू से बड़ी ही बेरहमी के साथ करीब 28 वार कर उसकी हत्या कर दी थी .इसके बाद लोगों ने आदतन जमकर पथराव कर दिया। लिपी पुलिस ने जंगल पर पहुंचकर पंच सद्दाम को हिरासत में ले लिया और पुलिस ने पंच पर आईपीसी की धारा 302, 364, 363 और पॉक्सो एक्ट के तहत करवाई की। इसके एक दशक बाद अदालत में पेश किया गया, जहां घटना की ग्रेविटास को देखते हुए अदालत में इस मामले को फास्ट ट्रैक पर चलाया गया। इस दुर्घटना के दौरान सद्दाम ने खुद को मानसिक रोगी बताने से बचना चाहा था। इस घटना को लेकर पक्ष के वकील द्वारा भी आवेदन दिया गया था।
सेंस ने खुद को बताया था मेंटल पेस्टेंट
इसमें कहा गया था कि पहले हादसे में अस्पताल में भर्ती होकर अपना इलाज भी करा चुका है, लेकिन इस फैसले में चालाकी भरे कोर्ट में नहीं गया। पुलिस ने इस पूरे मामले में सीसीटीवी फुटेज, जिस कटार से उसने घटना को अंजाम दिया उसके प्रिंट के साथ ही डीएनए रिपोर्ट में भी हत्या में सद्दाम के शामिल होने की पुष्टि हुई। इसके आधार पर सभी अनुमानों के आधार पर घटना को फांसी की सजा सुनाई गई। बता दें कि पूरा मामला 23-09-2022 का आजाद नगर क्षेत्र का है और पूरे ही मामले में पुलिस ने अलग-अलग तरह के सबूत कोर्ट के सामने रखे हैं। कोर्ट ने इस पूरे मामले में कई तरह के सबूतों के आधार पर जज सुरेखा मिश्रा की कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जिला लोक अधिकारी अभियोजन संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष न्यायाधीश सुरेखा मिश्रा की अदालत ने सात वर्षीय हत्या के मामले सद्दाम को दोषी करार दिया।
इन कोड में मिले वाक्य
कोर्ट ने पंच को धारा 302 आईपीसी में मृत्युदंड और धारा 364 आईपीसी में रद्दीकरण कारावास 363 आईपीसी और 9एम/10 पॉक्सो एक्ट में 7-7 साल की जेल और 342 आईपीसी में एक साल का सम कारावास के साथ कुल 9 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुना है। कोर्ट के सामने अभियोजन में कुल 23 गवाहों को पेश किया गया था। इस मामले में कोर्ट ने 12 साल के लड़के की गवाही को महत्वपूर्ण माना है कि जो लड़की की फूफी का लड़का है और तब वह उसके साथ था। उसने सद्दाम को बालिका की हत्या करते देखा था। जजब है कि जिस तरह से कोर्ट ने पंच को सख्त सजा से सजा दी, वह अभी तक का सब से तेज फैसला कोर्ट द्वारा दिया गया है। घटना के चौथे चार महीने पहले ही कोर्ट ने इस पूरे मामले में सुनवाई कर फैसला सुना दिया।