मध्य प्रदेश समाचार: मध्य प्रदेश में इन दिनों बंदर कुछ खासे ही उत्पाती हो गए हैं। इन बंदरों के आतंक से सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व मैनेजमेंट भी परेशान है। प्रबंधन ने अब तक 250 से अधिक बंदरों को पकड़ा है। वहीं प्रदेश के ब्यावरा में बंदरों की लाली से एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां के लोग एक उत्पाती बंदर से परेशान होकर उसे रस्सी से बांधकर थाने पहुंचे और थाने में छुट्टा बंदर की लिखित शिकायत दर्ज करवाई। दरअसल, ब्यावरा के गारद मोहल्ला क्षेत्र में एक उत्पाती बंदर मोहल्ले के लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। यह बंदरों के घरों में घुसने के साथ ही खाने के फायदे भी पहुंचाते हैं।
पुलिस ने वन विभाग को सूचना दी
इस बंदर का उत्पात इतना बढ़ गया है कि अब यह बच्चा, बुर्जों और महिलाओं को चोटिल कर रहा है। इस बंदर के उत्पात की वजह से कई दिनों से गादर मोहल्ले के लोग काफी परेशान हो गए हैं। ऐसे में रविवार को मोहल्ले वालों के सब्र का बांध टूट गया और मोहल्ले वालों ने एकमत से छिपने की शिकायत लिख दी। इस पर सभी मोहल्ले वालों ने दस्तखत किए और बंदरों को रस्सी से बांधकर गाड़ी में बिठाकर थाने ले गए। इस मामले में गादर मोहल्ले वालों की शिकायत के बाद थाना चार्ज भी हैरत में आ गए हैं। थाना प्रभार राजपाल राठौड़ के अनुसार गारद मोहल्ले के लोग बंदर की शिकायत लेकर आए थे। शिकायत के बाद उत्पाती बंदर को वन विभाग के हवाले कर दिया गया है।
बाघ के गढ़ में भी बंदरों का आतंक
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में इन दिनों बंदरों ने आतंक रखा है। इन बंदरों से एस प्रबंधन विशेष रूप से परेशान हो गया है और जगह-जगह कब्जा कर इन बंदरों को पकड़ा जा रहा है। एसे तरीके प्रबंधन के अनुसार अब तक रेक्यू टीम सौ से अधिक बंदर पकड़ अवरुद्ध है। बता दें कि हिल स्टेशन पचमढ़ी शर्मीले की पहली पसंद मतकुली होती है, लेकिन इन दिनों मटकुली में बंदरों ने अपना आतंक मचा रखा है। यहां आने वाले बंदरों की वजह से बड़े समूह का सामना करना पड़ रहा है। बंदर दिखने वाले हाथों से खाने का सामान लेकर भाग रहे हैं, तो वहीं खरीदारी करने वाले भी यहां परेशान होते हैं। शॉपर्स पिंजरों में खाने का सामान रखते हैं।
अब तक पैदल सौं बंदरों की रेसक्यू
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व संचय प्रबंधन बंदरों को देखकर बंदरों का बचाव कर रहा है। पहचान की बचाव टीम अब तक सौ से अधिक बंदरों का बचाव कर चुकी है। बचाव दल ने बंदरों को पकड़ने के लिए मटकुली में जगह- जगह जाम लगवा रखे हैं। इन पिंजरों में खाने-पीने की चीजें रखी जा रही हैं. खाने-पीने के लालच में बंदर इन पिंजरों में फंस रहे हैं, जिन्हें रेस्क्यू टीम दूर में छोड़ आ रही है।
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नए साल के जश्र की तैयारी
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर संदीप फैलोज के मुताबिक साल 2022 का आखिरी महीना चल रहा है। कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो साल से नए साल का जश्न काफी फैला हुआ था, लेकिन अब बड़ी संख्या में पर्यटक सतपुड़ा टाइगर रिवर्ज घूमने के लिए आते हैं। किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए बंदरों का रेस्क्यू अनुमान लगाया जा रहा है। अब तक सौ से अधिक बंदरों को पकड़ कर जंगल में छुड़वा दिया गया है।
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