
UNITED NEWS OF ASIA. भोपाल। देश में सहकारिता क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में कई अहम घोषणाएं कीं। इस अवसर पर मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। साथ ही, एमपी के छह दुग्ध संघों के साथ भी NDDB ने अलग-अलग समझौते किए।
इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, पशुपालन मंत्री लखन पटेल और NDDB व सहकारिता विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे।
अब सहकारिता समितियां संचालित करेंगी पेट्रोल पंप और गैस वितरण
अमित शाह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, “अब देश की सहकारी समितियां न सिर्फ कृषि और दुग्ध उत्पादन तक सीमित रहेंगी, बल्कि पेट्रोल पंप संचालन और रसोई गैस वितरण जैसे क्षेत्रों में भी प्रवेश करेंगी।” उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें पूरी तरह विकसित करने की आवश्यकता है।
शाह ने यह भी कहा कि आजादी के 75 वर्षों के बाद पहली बार देश में सहकारिता मंत्रालय बना है, जिससे इस क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन संभव हुआ है।
सांची का नाम और पहचान यथावत रहेगी
पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने स्पष्ट किया कि NDDB और दुग्ध संघ के बीच एमओयू के बाद भी “सांची ब्रांड का नाम और लोगो नहीं बदलेगा।” केवल संचालन NDDB के अधीन रहेगा और सीईओ की नियुक्ति भी वहीं से होगी।
इसके साथ ही, दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या 6,000 से बढ़ाकर 9,000 करने का लक्ष्य रखा गया है। NDDB की योजना है कि पांच वर्षों में दूध उत्पादन क्षमता को 10 लाख लीटर से बढ़ाकर 20 लाख लीटर किया जाए। इसके लिए 1447 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है।
सीएम बोले- दूध उत्पादन को 24% तक ले जाना है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि “हमारे देश में दूध की नदियों की बात की जाती थी, लेकिन व्यावहारिक रूप से दूध उत्पादन और विपणन को लेकर चुनौतियां थीं। अब सरकार सीधे किसानों से दूध खरीदेगी, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।” उन्होंने कामधेनु गोपालन योजना और सेवा योजना का जिक्र करते हुए बताया कि पशुपालन को आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत बनाया जाएगा।
वीडी शर्मा बोले- यह एमओयू एमपी की तस्वीर बदलेगा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि “गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में सहकारिता को लेकर जो दृष्टिकोण अपनाया गया है, वह मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक साबित होगा।” उन्होंने गुजरात मॉडल का उदाहरण देते हुए बताया कि गुजरात के पांच दुग्ध संघ मिलकर 500 लाख लीटर दूध का उत्पादन करते हैं, और यही दिशा मध्यप्रदेश को भी दी जा रही है।
शाह बोले- पूरे देश में स्वीकारे गए मॉडल बायलॉज
अमित शाह ने यह भी बताया कि सहकारिता मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए मॉडल बायलॉज को देश के लगभग सभी राज्यों ने स्वीकार कर लिया है, चाहे वे भाजपा शासित हों या नहीं। यह सहकारिता आंदोलन के प्रति देशव्यापी स्वीकार्यता और राजनीति से ऊपर सोच का संकेत है।



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