इंदौर समाचार: सरकारी काम में गिले-शिकवे वाले दावों के लिए एक बुरी खबर है। देवी अहिल्या विश्विद्यालय द्वारा युनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले 280 से अधिक निजी और सरकारी घोषणा की मान्यता रद्द की जा सकती है। इंदौर की देवी अहिल्या युनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले चालान की संख्या 280 से अधिक है। डीएवीवी के बारे में सभी शिकायतों के अनुसार नए सत्र की शुरुआत होते ही इन पर्चियों को अपनी पूरी जानकारी विश्वविद्यालय को देने का एक उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार समय बनाया जाता है। यदि निर्धारित समय सीमा में कोई भी कॉलेज अपने सूचना पोर्टल पर निर्दिष्ट नहीं है तो पहले प्रयास किया जाता है और समय रहते इस काम को पूरा करने के लिए हिदायत दी जाती है।
यदि आपके प्रयास के बाद भी कॉलेज की जानकारी नहीं दी जाती है, तो फिर विभागीय कार्रवाई की जाती है। उसके बाद अल्टीमेटम के साथ-साथ चेतावनी का अंतिम पत्र भी प्रबंधन ने जारी करने की बात कही है। ऐसे कॉलेज की संख्या 50 प्रतिशत बताई गई है। डीसीबीसी ने समय पर जानकारी नहीं देने वाले प्रमाणपत्रों की मान्यता पर भी विचार करते हुए मान्यता समाप्त करने की बात कही है।
इन समरूपताओं ने दी जानकारी नहीं
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ाई के लिए एक नियम बनाया गया है। नियम के तहत सरकारी और निजी कॉलेज को प्रबंधन को विश्वविद्यालय के पोर्टल पर नए सत्र के शुरू होते ही, कोड 28 के तहत स्कूल और कॉलेज की संपूर्ण जानकारी है। वर्तमान में नए शिक्षा सत्र के आधे सत्र के बाद भी 50 प्रतिशत ही नामांकन ने अपनी सूचना पोर्टल पर दी है।
देवी अहिल्या स्कूल के एक्ट कॉलेज इवोल्यूशन काउंसिल के प्रभार डॉ राजीव दीक्षित ने बताया कि अब एक आखिरी तारीख देते हुए लिखित अलर्ट भी जारी किया जाएगा। इस आखिरी नींद के बाद भी अगर कॉलेज अपनी जानकारी नहीं देता है तो उसे कॉलेज की मान्यता लेकर उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार रद्द करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
हालांकि बाकी बचे 50 फीसदी स्कूलों को चेतावनी पत्र देने के बाद बहुत जल्दी इस बात का खुलासा हो जाएगा कि युनिवर्सिटी से संबंध रखने वाले ऐसे कॉलेज हैं, जिसकी मान्यता को मान्यता दे दी गई है। अगर प्रबंधन द्वारा दिए गए समय पर कॉलेज द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी प्राप्त की जाती है, तो उन पर कोई आंच नहीं आएगी।
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