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मूवी रिव्‍यू: शाकुंतलम – शाकुंतलम मूवी रिव्यू इन हिंदी स्टारिंग समांथा रुथ प्रभु देव मोहन प्रकाश राज अल्लू अरहा

महाकवि कालिदास ने शकुंतला की कथा का वर्णन अपने विश्वविख्यात महाकाव्य ‘अभिज्ञान शाकुंतलम’ में किया है। विश्व में प्रसिद्ध इस रोचक कथा का प्रसारण टेलीविजन श्रृंखला के रूप में हो गया है। ‘बाहुबली’ जैसी फिक्शन महागाथा के बाद अबकी बार तेलुगू सिनेमा ने इस महाकाव्य को बड़े पर्दे पर उतारा है। सालशेखर के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में समांथा रुथ प्रभु और देव मोहन लीड रोल में हैं।

‘शाकुलम’ की कहानी

फिल्म की कहानी के अनुसार देवराज इंद्र ने महर्षि विश्वामित्र की तपस्या को तोड़ने के लिए मेनका अप्सरा को धरती पर भेजा। इस तरह दोनों के मिलन से शकुंतला (सामंथा रुथ प्रभु) का जन्म हुआ। देवलोक की सूचनाओं से बंधी होने के कारण मेनका अपनी बेटी को धरती पर छोड़कर चली गई। इसके बाद कण्व ऋषि ने शकुंतला को अपनी बेटी की तरह पाला। वह बड़े बच्चे की अपनी माता मेनका की तरह परम सुंदरी हो गई। एक बार पुरु वंश के प्रतापी राजा दुष्यंत (देव मोहन) मानव ऋषि के अज्ञानी पहुंचे। वह शकुंतला पर मोहित हो गए और दोनों ने गंधर्व विवाह कर लिया।

इस शादी के वक्‍त कानन ऋषि अजीज में नहीं थे। इसलिए राजा दुष्यंत, शकुंतला को जल्द अपनी राजधानी बुलाने का वादा कर चले गए। कुछ समय बाद कण्व ऋषि वापस लौट आए, लेकिन दुष्यंत अभी तक शकुंतला को ले जाने नहीं आए थे। जबकि शकुंतला प्रेग्नेंट थी। ऐसे में ऋषि ने उन्हें अपने शिष्यों के साथ राजा दुष्यंत की राजधानी भेज दी। एक शाप के कारण राजा दुष्यंत अपनी शकुंतला को भूल गए थे और उन्होंने दरबार से निकलवा दिया। लेकिन क्या शकुंतला का मिलन आपके पति से हो सकता है? यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर बनना होगा।

शाकुंतलम का हिंदी टेलीकॉम

‘शाकुंतलम’ का रिव्‍यू

लगातार दर्शकों के बीच बढ़ते माइथलजी का क्रेज बढ़ गया है। इसी को देखते हुए डायरेक्टर गवाह ने ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम’ पर आधारित फिल्म ‘शाकुंतलम’ बनाई है। फिल्म को उन्होंने ‘बाहुबली’ की तरह ग्रैंड सेट्स पर बनाया है। 3डी में फिल्म को देखने का शानदार अनुभव होता है। वहीं इसकी सिनेमैटोग्राफी भी लाजवाब है। हालांकि, स्क्रिप्ट के मामले में उन्हें थोड़े और मेहनत करने की जरूरत थी। साथ ही फिल्म का स्क्रीनप्ले भी कमजोर है। एपिक पर आधारित इस फिल्म को और बेहतर स्क्रिप्ट के साथ बनाया जा सकता था। अगर डायरेक्टर इन डायरेक्टर्स पर ध्यान देते हैं, तो शायद वो एक बेहतरीन फिल्म बनाने में सफल होते हैं।

इंटरवल तक ‘शाकुंतलम’ फिल्म धीमी गति से आगे बढ़ती जा रही है। इंटरवल के बाद यह निश्चित रूप से रोमांचक दुनिया है। फिल्म के गाने भी इसकी रफ्तार पर ब्रेक्स हैं। साथ ही फिल्म के हिंदी वर्जन में डबिंग की गलतियां भी अखरती हैं।

एस एसमौली की फिल्म ‘मक्खी’, सुपरहिट किंग वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन 2’, और सुपरहिट फिल्म ‘पुष्‍पा’ के गाने ‘ऊ अंतवा’ ने सामंथा रुथ प्रभु को हिंदी के दर्शकों के बीच खूब पॉलैरिटी दी है। इस फिल्म में शकुंतला के रोल में वह पर्दे पर काफी जमी हुई हैं। पर्दे पर उनकी खूबसूरती देखते हैं। ‘शाकुंतलम’ इसके साथ ही सामंथा की पहली पैन इंडिया फिल्म है, जो तेलुगू के साथ ही हिंदी, तमिल, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज हुई है। जबकि देव मोहन ने भी खतरनाक के शानदार रोल को किस तरह से बनाया है। फिल्म के बाकी कलाकारों ने भी ठीक काम किया है। इस फिल्म से तेलुगू सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की बेटी अल्लू अरहा ने भरत के रोल में कैमियो किया है।

क्यों देखें-अगर आपको माइथलजिकल फिल्में देखने का शौक है, तो इस फिल्म को सिनेमाघर में देख सकते हैं।

 


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