कबीरधामछत्तीसगढ़

रेंगाखार के जंगल में 1000 से अधिक वृक्षों की बलि, वन विभाग की निष्क्रियता पर सवाल..

UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा | कवर्धा में बाहरी घुसपैठियों ने जंगलों पर किया कब्जा मीडिया की पहल से जागा वन विभाग, क्या अब होगी कार्यवाही या सिर्फ खानापूर्ति..? वन विभाग पर उठता सवाल..?

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर बांग्लादेशी घुसपैठियों पर लगातार कार्यवाही किया जा रहा हैं, लेकिन उनके गृह जिले में अवैध कब्जा और घुसपैठ की गंभीर समस्याएं आखिर क्यों अनदेखी की जा रही हैं।  खासतौर पर रेंगाखार जंगल क्षेत्र के उमरिया गांव में, जहां 15 परिवार बाहरी राज्यों से आकर जंगल में झोपड़ी डालकर बस गए हैं।

यहां के लोग जंगल की बेशकीमती जमीनों को अवैध तरीके से कब्जा कर रहे हैं। 10 सालों से इन लोगों ने लगभग 1000 से अधिक वृक्षों की बलि चढ़ाकर खेत बनाना शुरू कर दिया है। इस पूरी गतिविधि में इनका तरीका बेहद शर्मनाक है—वृक्षों को पहले सुखाया जाता है, फिर उन्हें काटकर खेतों में तब्दील कर दिया जाता है। हैरानी की बात ये है कि वन विभाग को इस अवैध कब्जे और कटाई की पूरी जानकारी होने के बावजूद वे चुप्प हैं। 

जब इस मामले पर हमने इन अवैध कब्जाधारियों से बात की, तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे मध्यप्रदेश से आए हैं और यहां अवैध तरीके से बस गए हैं। वन विभाग के अधिकारी हालांकि इस मामले पर कोई ठोस कदम उठाने से कतरा रहे हैं। इस स्थिति को देखकर सवाल उठता है कि मीडिया द्वारा मुद्दा उठाने के बाद ही क्यों वन विभाग की नींद टूटी है?

यहां के एसडीओ और रेंजर इस मुद्दे पर जब पत्रकार बात करना चाह रहे है तो फोन ही नहीं उठा रहे है खाश कर लोहारा वन परिक्षेत्र के रेंजर फोन नहीं उठाने में माहिर है और वन विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले में मौन हैं। हालांकि, डीएफओ ने अब इस अतिक्रमण पर कार्रवाई करने और संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करने का आश्वासन दिया है।

क्या वन विभाग की लापरवाही और अधिकारियों की निष्क्रियता कब तक जारी रहेगी? सवाल यह भी है कि अगर मीडिया ने इस मुद्दे को प्रमुखता से नहीं उठाया होता, तो क्या कभी कोई कार्रवाई होती?

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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