
UNITED NEWS OF ASIA । इन्सान कुछ हद तक अपनी पहचान अपने कर्म व धर्म से बनाता है । इनमे से कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके अतुलनीय कार्य से शहर की भी पहचान बनती है ..
स्व. श्री चन्द्रनाथ झा अधिवक्ता कवर्धा ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के गौरव है. जैसे चंद्रमा अपनी रश्मियों से धरती को शीतलता देता है वैसे ही श्री चन्द्रनाथ झा अपने नाम के अनुरूप मृदुभाषी सहज व्यक्तित्व के धनी थे. अपने सद्व्यवहार से प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करने वाले स्व. श्री चन्द्रनाथ झा का जन्म 06 अक्तूबर १९३२ को मंडला जिले के ग्राम अंजनिया में हुआ था. आपके पिता स्व. श्री पुष्कर नाथ झा व माता कमला देवी झा आपको बैरिस्टर बनाना चाहते थे बाल्यकाल में आपके पिता का निधन हो गया, आपकी माता ने पुरे घर की जिम्मेदारी संभाली व आप व भाई, बहनों को पाल पोशकर योग्य निर्भीक, साहसी बनाया व सच्चाई के लिए लड़ने व ईमानदारी व गरीबों की सेवा करने के संस्कार दिए.
आपके बड़े भाई स्व. प्रेमनाथ झा, स्व. तारानाथ झा ने आपका मनोबल हमेशा बढाया व छोटे भाई कौशलेन्द्र नाथ झा ने लक्षमण की तरह हर संकट में साथ दिए आपने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने बहनोई सारंगधर कांकेर के यहाँ रहकर नरहरदेव हाई स्कूल में पूरी की तथा आपने प्रारंभ में पारिवारिक आवश्यकता को देखते हुए जनपद कवर्धा में लिपिक की नौकरी की फिर बाद में त्यागपत्र देकर शिक्षक बने व सहसपुर लोहारा, पिपरिया में बतौर शिक्षक अध्यापन कार्य किया आपके पढाये विद्यार्थी आज सफलता की ऊंचाई छू रहे है .
आपका विवाह बस्तर पुलिस कप्तान की सुपुत्री शशिप्रभा से हुआ आपकी धर्मपत्नी भी जगदलपुर में शिक्षिका थी व उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र देकर आपके साथ पारिवारिक जिम्मेदारी संभाली और आपका मनोबल बढाया. आपके मंझले भ्राता स्व. तारानाथ झा थे जो आपके माता पिता के इच्छा के अनुरूप वकालत की पढाई करने हेतु प्रेरित करते रहे व उनकी ही प्रेरणानुरूप आप नौकरी में रहते, सागर यूनिवर्सिटी में विधि से स्नातक की उपाधि प्राप्त की व इतिहास में स्नातकोत्तर किया | आपके बड़े भाइयों ने आपको प्रोत्साहित किया की आप नौकरी छोड़ वकालत प्रारंभ करें.
शायद सफलता की मंजिल आपकी रह देख रही थी केवल मार्ग बदलने की देरी थी. आपने बहुत हिम्मत कर नौकरी से त्यागपत्र देकर १९६६ में रायपुर में वकालत प्रारंभ किया व स्व. जे. डी. झा जैसे विद्वान् मृदुभाषी सीनियर अधिवक्ता को गुरु पाकर आपने वकालत प्रारंभ शुरू किया व १९६७ में कवर्धा आकर वकालत प्रारंभ किया. उस काल में कवर्धा में सिविल कोर्ट का लिंक लगता था कवर्धा में चार अधिवक्ता थे स्व. संतोष कृष्णा ठोके, स्व. रघुवंश सहाय वर्मा एवं स्व. विघ्नहरण सिंह जिन्होंने आपको बहुत संबल प्रदान किया. आप अपने पक्षकार के प्रति जहाँ इमानदार थे वहीँ न्याय के प्रति आपका निष्ठावान होना आपके व्यक्तित्व की विशेष पहचान है. आप गरीबों, महिलाओं व जरुरत मंदों को उचित न्याय मिले इसके लिए अपने हमेशा अपनी आवाज बुलंद की व उन्हें न्याय दिलाया.
वकालत के प्रारंभिक काल में आपको एक बेहतर साथी स्व. लक्ष्मण प्रसाद तंबोली मिले और आप दोनों ने मिलकर विचार किया की विधि की पुस्तके अंग्रेजी में है व हिंदी भाषा में न होने के कारण कानून की जानकारी अंतिम व्यक्ति तक नहीं हो पा रही है व हमारे कनिष्ठ अधिवक्ता भी हिंदी में विधि की पुस्तकों की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं. हिंदी के कारण स्वीकारिता का आभाव स्पष्ट हो रहा था, ऐसे में आपने श्री तंबोली के साथ मिलकर विधि पुस्तकों का लेखन का कार्य हिंदी में प्रारंभ किया और आपकी सरल भाषा शैली से हिंदी भाषा विधि प्रक्रिया का माध्यम बन गयी.
आप व श्री तंबोली के द्वारा लिखी पुस्तकों में मध्य प्रदेश आबकारी विधि संग्रह को भारत सरकार द्वारा हिंदी में विधि पुस्तक लेखन पर राष्ट्रपति पुरस्कार सन 1979 में तथा मध्य प्रदेश आवश्यक वस्तु मैन्युअल में 1983 में राष्ट्रपति पुरस्कार मिला इसी बीच साथी श्री लक्ष्मण प्रसाद तंबोली का निधन हो गया फिर आपने अकेले ही लेखन कार्य को गति दी. हिंदू विधि पुस्तक लिखी जिससे भारत सरकार ने श्रेष्ठ पुस्तक मानते हुए सन 1986 में तीसरी बार पुरस्कार से सम्मानित किया आपके द्वारा लिखी गई हिंदी विधि पुस्तक व अन्य पुस्तक भारत के हिंदी भाषा राज्यों में लोकप्रिय है वह 10 संस्करण निकल आपके द्वारा निकाले.
आप छत्तीसगढ़ ला जजमेंट व छत्तीसगढ़ रेवेन्यू जजमेंट मासिक पत्रिकाओं के प्रधान संपादक भी रहे. आपको छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विधि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य और महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए सन 2007 में बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल सम्मान से सम्मानित किया गया. आप अधिवक्ता संघ कवर्धा में लगातार 12 वर्षों तक अध्यक्ष रहे. भोरमदेव तीर्थकारिणी प्रबंध समिति के अध्यक्ष पद पर 17 वर्ष तक कार्य किया, संत कबीर शिक्षण समिति सरस्वती शिशु मंदिर में लंबे समय तक अध्यक्ष रहे वह कुशलता से कार्य किया. सामाजिक कार्यों में आपका आदर्श आपके पिता स्वर्गीय पुष्कर नाथ, दादा स्वर्गीय नरोत्तम दत्त झा रहे. जिन्होंने सन् 1926 में काली मंदिर के पास स्थित अपने स्वयं की 10 एकड़ जमीन आमजन के पानी की समस्या व जानवरों के पानी की समस्या को ध्यान में रखकर तालाब खुदवाया जिसके पानी का उपयोग लंबे समय से आज पर्यंत तक किया जा रहा है उनसे ही प्रेरणा लेकर अपने सामाजिक समस्याओं को भी दूर करने का प्रयास किया वह धार्मिक क्षेत्र में भी कार्य किया.
समाज में शिक्षा के क्षेत्र में आपका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. कवर्धा में महाविद्यालय नहीं था विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता था आर्थिक समस्या के कारण विद्यार्थी आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते थे ऐसे समय में अपने कवर्धा के समाज से भी बांधो एवं अपने वकील मित्रों के साथ मिलकर चैरिटी शो का आयोजन करवाया किंतु पर्याप्त चंदा नहीं हो पाया नियमित महाविद्यालय नहीं खोल सके. तब कोचिंग कॉलेज खोला गया जिसमें विद्यार्थी लाभान्वित हुए. इसके अलावा साहू छात्रावास में कैमरा निर्माण शारदा संगीत महाविद्यालय के भवन निर्माण शासकीय महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए कुर्सी टेबल शासकीय हाई स्कूल में अतिरिक्त कैमरा निर्माण के लिए अपना बेस्ट कीमती समय और व्यस्ततम दिनचर्या के बीच समय निकालकर गांव-गांव जाकर चंदा कर उक्त कार्य को संपन्न किया जिसे वर्तमान में भले ही लोग भूल गए हो किंतु इतिहास गवाह है लायंस क्लब में गठित होने से पहले तक नेत्रदान शिविर जन सहयोग से आपने करवाया जिसे लोग लाभान्वित हुए हैं. लंबे समय से अस्वस्थता के चलते बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान 91 वर्ष की आयु में 18 नवंबर को आप परमात्मा में विलीन हो गये.
सम्मान : श्री झा को विधि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 1979, 1983 और 1986 में राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ गठन के बाद राज्य शासन की ओर से उन्हें विधि के लिए प्रतिष्ठित राज्य अलंकरण बैरिस्टर छेदीलाल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया |
पुस्तकें : मप्र आबकारी विधि संग्रह, मप्र आवश्यक वस्तु मैन्युअल, वन विधि संग्रह, मप्र पालिका अधिनियम, कृषि उपज मंडी अधिनियम, हिन्दू विधि डाइजेस्ट आन एमपी केसेज जैसी 32 विधि पुस्तकों का लेखन किया।
यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..
आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787
निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News
Now Available on :