लेटेस्ट न्यूज़

मोदी ने अनाज को ‘श्री अन्ना’ कहने के पीछे का तर्क समन किया

मोदी

प्रतिरूप फोटो

गूगल क्रिएटिव कॉमन्स

मोदी ने तुमकुरु जिले में एक जनसभा को संदेश देते हुए कहा कि यह नाम कर्नाटक से लिया गया है जहां पौधे अनाज को सिरी धान्य कहा जाता है, जो श्री धान्य कहने का बोलचाल का तरीका है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”कर्नाटक के लोग अनाज के महत्व को समझते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मल रूप से अपने बजट भाषण में शेयर अनाज को श्री अन्न के पीछे जाने के तर्क के साथ प्रकट किया। मोदी ने तुमकुरु जिले में एक जनसभा को संदेश देते हुए कहा कि यह नाम कर्नाटक से लिया गया है जहां पौधे अनाज को सिरी धान्य कहा जाता है, जो श्री धान्य कहने का बोलचाल का तरीका है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”कर्नाटक के लोग अनाज के महत्व को समझते हैं। यही कारण है कि आप सभी इसे ‘सिरी धान्य’ कहते हैं। कर्नाटक के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए देश के शौकीनों को आगे बढ़ाया जा रहा है।”

मोदी ने कर्नाटक के लोगों से स्वयं को जोड़ने का प्रयास करते हुए कहा, ”अब विवरणों को विवरण में श्री अन्न के नाम से जाना जाएगा। श्री अन्न का मतलब सभी भोजनों में सबसे अच्छा होता है।” कर्नाटक में इस साल मई तक विधानसभा चुनाव होना है। यह प्रधानमंत्री का एक महीने से भी कम समय में राज्य का तीसरा दौरा है। यहां उनका 13 फरवरी को ‘एयरो इंडिया शो’ का उद्घाटन और 27 फरवरी को जिला मुख्यालय शहर शिवमोगा में हवाईअड्डे का उद्घाटन करने का कार्यक्रम है।

मोदी ने कर्नाटक में मडुआ आदि अनाज के दृश्य होने का उल्लेख किया। मडुआ से बने लोकप्रिय भोजन का प्रधानमंत्री द्वारा उल्लेख किया गया कि सभा में मौजूद लोगों की ओर से उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया दी गई। मोदी ने कहा, ”मड़ुआ मुदे और मडुआ रोटी का स्वाद कौन भूल सकता है? इस साल के बजट में श्री अन्न के उत्पादन पर बहुत जोर दिया गया है, जिससे कर्नाटक के सूखे से प्रभावित क्षेत्रों के सीमांत किसानों को बहुत फायदा होगा। स्वादुप्त और पोषण से भरपूर होता है, बल्कि इसमें ढेर सारे औषधीय गुण भी होते हैं।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page