
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर । भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने देश भर में मतदाता पहचान पत्र (EPIC) नंबरों के दोहराव की दशकों पुरानी समस्या को खत्म करने के लिए एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल शुरू की है। इस दिशा में आयोग ने तीन महीने के भीतर समस्या को हल करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए राजनीतिक दलों के साथ व्यापक संवाद शुरू हो चुका है।
आयोग के निर्देशानुसार देशभर के 36 मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), 788 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) और 4123 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) को 31 मार्च 2025 तक राजनीतिक दलों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने को कहा गया है, ताकि जमीनी स्तर पर समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके।
राजनीतिक दलों के सुझाव आमंत्रित
भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से चुनाव संचालन से संबंधित सुझाव मांगे हैं, जिन्हें वे 30 अप्रैल 2025 तक आयोग को भेज सकते हैं। इसके साथ ही, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और बूथ लेवल एजेंट (BLA) को निर्वाचन कानूनों और प्रक्रियाओं के अनुसार प्रशिक्षित करने के प्रस्ताव का सभी दलों ने स्वागत किया है। आयोग ने राजनीतिक दलों को दिल्ली में आयोग के साथ सीधे बैठक का भी न्योता दिया है।
मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ेगी, सुगमता होगी सुनिश्चित
आयोग ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि –
- किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे।
- मतदान केंद्र मतदाताओं के 2 किमी के भीतर स्थापित होंगे।
- दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केंद्रों पर सभी मूलभूत सुविधाएं (AMF) सुनिश्चित की जाएंगी।
- शहरी क्षेत्रों में ऊंची इमारतों और कॉलोनियों में भी परिसर के भीतर मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
मतदाता सूची सुधार पर विशेष जोर
आयोग ने स्पष्ट किया है कि ड्राफ्ट मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत संचालित होती है। सभी राजनीतिक दलों को इस प्रक्रिया में भाग लेने और अपील दायर करने का अधिकार है। आयोग का मुख्य उद्देश्य शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करना और मतदान प्रक्रिया को सरल बनाना है।
मतदान प्रक्रिया के डिजिटलीकरण पर फोकस
आयोग ने मतदान प्रक्रिया के डिजिटलीकरण और मतदाता सूची के अद्यतन के लिए विशेष रणनीति अपनाई है –
- निर्वाचन हैंडबुक और मैनुअल को नवीनतम परिवर्तनों के अनुसार अद्यतन किया जाएगा।
- कई भारतीय भाषाओं में डिजिटल प्रशिक्षण किट तैयार की जाएगी।
- एनिमेटेड वीडियो और एकीकृत डैशबोर्ड के माध्यम से डिजिटल प्रशिक्षण को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- बीएलओ (BLO) के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण अभियान
भारत निर्वाचन आयोग ने 4 और 5 मार्च को नई दिल्ली में दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया। इसमें देश के सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) ने भाग लिया। सम्मेलन में 28 प्रमुख हितधारकों की जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया गया और निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए विस्तृत योजना तैयार की गई।
मतदाता सूची में पारदर्शिता और सटीकता लाने का बड़ा कदम
भारत निर्वाचन आयोग की इस पहल से मतदाता पहचान पत्र में डुप्लीकेट नंबरों की समस्या का स्थायी समाधान होगा। इससे चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, सुगम और निष्पक्ष बनेगी। निर्वाचन आयोग का यह साहसिक कदम देश के लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।



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