
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में मनरेगा के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी नौकरी बचाने और लंबित वेतन पाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा मनरेगा विभाग में छंटनी का आदेश जारी किया गया, जिसके विरोध में सैकड़ों कर्मचारियों ने आज डिप्टी सीएम विजय शर्मा के नाम पर ज्ञापन सौंपा।
कर्मचारियों की मांगें:
- छंटनी के आदेश पर तत्काल रोक लगाई जाए।
- लंबित वेतन का शीघ्र भुगतान किया जाए।
- कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों को समायोजित कर नियमित किया जाए।
10 वर्षों से सेवा में, फिर भी असुरक्षित भविष्य?
प्रदेश महामंत्री प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि 800 से अधिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी पिछले 10 वर्षों से मनरेगा विभाग में कार्यरत हैं। ये कर्मचारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोकसभा, विधानसभा, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। इसके बावजूद अचानक छंटनी का फरमान जारी कर दिया गया, जिससे हजारों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
“हमें कार्य से निकालना अन्यायपूर्ण” – सीमांत प्रजापति
प्रदेश अध्यक्ष सीमांत प्रजापति ने मांग की कि अतिरिक्त कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश को स्थगित किया जाए और उन्हें नियमित किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी ड्यूटी शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं को पूरा करने में लगाई जाती है, ऐसे में हमें हटाना अन्यायपूर्ण फैसला है।













