
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,850 रुपये प्रति वाणिज्यिक। सोयाबीन ऑयल डीगम, स्कैंडला- 8,500 रुपये प्रति मंज़िल। सी प्लांट एक्स-कांडला- 8,200 रुपये प्रति लीटर। बिनौला मिल दिल्ली (हरियाणा)- 9,000 रुपये प्रति औंस। पामोलिन आर्बिडी, दिल्ली- 9,400 रुपये प्रति यूनिट।
संयुक्त अरब अमीरात ने देश के तेल तिलहन कारोबार को प्रभावित करना जारी रखा है और इसके कारण रविवार को दिल्ली बाजार में तेल तिलहन जिले में मिला जुला रुख सामने आया। एक ओर जहां सोयाबीन तिलहन, सोयाबीन डीगम तेल और पामोलीन में गिरावट आई है, वहीं कम काम के कारण सोयाबीन तिलहन, मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन दिल्ली और डोरो तेल, रॉ पामटेल (सी गोवा) और बिनोलोटेल पोर्टफोलियो शामिल हैं। दूसरी ओर मांग आबेथ से यूक्रेनी तेल बाजार में सुधार। बाजार प्रवक्ता ने कहा कि कांडोला बंदरगाह पर सस्ता सूरजमुखी तेल अब उत्तर भारत के पंजाब और हरियाणा में आ रहा है जबकि यह तेल उत्तर भारत में नहीं है। इसी कारण से पंजाब और हरियाणा का सूरज पहले दक्षिण भारत और महाराष्ट्र जाता था, लेकिन इस बार उल्टी हो गई है क्योंकि सस्ता सामान देखना होटल के मठ से कहीं अधिक यात्रा कर रहे हैं।
हरियाणा सरकार ने इन किसानों की फसल खरीद का आदेश दिया है, लेकिन सवाल यह है कि सूरजमुखी के आगे, तेल मिलों का स्थानीय मूल्य निर्धारण वाला सूरजमुखी तेल खपेगा कहां? उन्होंने कहा कि 2007 में खाद्य तेलों के आयात का खर्च लगभग 20,000 करोड़ रुपये था, जो नवंबर 2022 में लगभग 1,57,000 करोड़ रुपये हो गया है। कहीं भी यह शामिल नहीं है कि देश की फ़ूडटेल के आयात पर सामान मिलता है। बाकी ने कहा कि खाद्य तेल तिलहनों के दाम बाकी दूध, चिकन, मक्खन जैसी अन्य वस्तुओं की तरह होते हैं और किसानों को कीमत सुनिश्चित होती है तो आज देश की दोस्ती कम हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में दूध का दाम 28 रुपये किलो जबकि तेल का दाम 28 रुपये किलो था। अब, दूध का दाम 58-60 रुपये किलो और खल का दाम 28-30 रुपये किलो और सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसोमी) का दाम पहले 10 रुपये किलो से लेकर 45 किलो किलो के करीब है।
विवरण ने कहा कि वर्ष 2008 के मई माह में बंदरगाह पर सोयाबीन तेल 70 रुपये किलो, सूरजमुखी तेल 72 रुपये किलो, सरसों तेल 78 रुपये किलो था जो अब तक सोयाबीन तेल 90-95 रुपये किलो, सूरजमुखी तेल 85 रुपये किलो, सरसों तेल 102 रुपए किलो हुआ है. इसी प्रकार पहले सोयाबीन का बीज 9.10 रुपये किलो, सूरजमुखी का 15 रुपये किलो, सरसों का 18 रुपये किलो था जो अब सोयाबीन का 46 रुपये किलो, सूरजमुखी का 67 रुपये किलो, सूरजमुखी का 54.5 रुपये किलो हुआ। यानि कि यूरोपियन यूनियन के सामान में काफी कम बढ़ोतरी हुई है। फॉर्मूलेशन ने कहा कि इस बार तिलहन स्टूडियो का रकबा घटना के लिए सार्वजनिक चिंता का विषय है कि निजीकरण और सरकार को कोई स्वतंत्र रास्ता नहीं मिलेगा ताकि सभी अंशधारकों के हितों के बीच संतुलन लाया जा सके। रविवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार चल रहे हैं: सरसों तिलहन – 4,950-5,050 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति शेयर। फ़ूड – 6,605-6,665 रुपये प्रति औंस।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,530 रुपये प्रति औंस। मूंगफली तेल 2,460-2,735 रुपये प्रति टन। रूसी तेल दादरी- 9,800 रुपये प्रति लीटर। सरसों पक्की घानी- 1,655 -1,735 रुपये प्रति टन। सरसों का तेल घानी- 1,655 -1,765 रुपये प्रति टन। तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति लीटर। सोयाबीन तेल मिल दिल्ली दिल्ली- 10,250 रुपये प्रति मंज़िल। सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,850 रुपये प्रति वाणिज्यिक। सोयाबीन ऑयल डीगम, स्कैंडला- 8,500 रुपये प्रति मंज़िल। सी प्लांट एक्स-कांडला- 8,200 रुपये प्रति लीटर। बिनौला मिल दिल्ली (हरियाणा)- 9,000 रुपये प्रति औंस। पामोलिन आर्बिडी, दिल्ली- 9,400 रुपये प्रति यूनिट। पामोलिन एक्स- स्कैंडिला- 8,500 रुपये (बीना मियामी के) प्रति लीटर। सोयाबीन दाना – 5,215-5,280 रुपये प्रति औंस। सोयाबीन लूज- 4,980-5,045 रुपये प्रति औंस। मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति औंस।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को गलत बताया है। यह ख़बर टीपी-भाषा की पुस्तक से प्रकाशित की गई है।



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