UNITED NEWS OF ASIA. भारती कौर, दुर्ग | प्रदेश स्तरीय स्वास्थ्य मितानिन संघ रायपुर के अंतर्गत दुर्ग जिले के मितानिन प्रशिक्षक कर्मचारियों ने लंबे समय से रुकी हुई क्षतिपूर्ति राशि की मांग को लेकर जिला स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष अपनी समस्या प्रस्तुत की। यह प्रशिक्षक कर्मचारी सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के अंतर्गत कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें किसी प्रकार का वेतन प्राप्त नहीं होता।
लोन और कर्ज पर निर्भर जीवन
मितानिन प्रशिक्षकों को 25 दिनों के कार्य के लिए क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है, जिसका उपयोग उनके मोबाइल रिचार्ज और कार्य में उपयोगी वस्तुओं के लिए किया जाता है। हालांकि, बीते तीन महीनों से यह राशि उन्हें नहीं दी गई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। कई कर्मचारियों को अपने परिवार के लिए लोन और कर्ज का सहारा लेना पड़ रहा है।
आर्थिक संकट और प्रशासन से गुहार
इस समस्या को लेकर आज दुर्ग जिला स्वास्थ्य अधिकारी से मिलने पहुंचे कर्मचारियों ने जल्द से जल्द क्षतिपूर्ति राशि जारी करने की मांग की। कर्मचारियों ने बताया कि बिना किसी स्थायी वेतन के केवल क्षतिपूर्ति राशि पर निर्भर रहते हुए काम करना मुश्किल हो गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
दुर्ग जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांग को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और जल्द से जल्द रुकी हुई क्षतिपूर्ति राशि जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सरकारी योजनाओं पर उठे सवाल
यह मामला सरकारी योजनाओं और उनके क्रियान्वयन पर सवाल खड़ा करता है। जब ये प्रशिक्षक सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में अहम भूमिका निभाते हैं, तो उनके साथ इस तरह की समस्याएं उनके मनोबल को कमजोर कर सकती हैं।