राज्यपाल ने कहा कि जांच के वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग कर पुलिस को अपने तंत्र को इतना मजबूत करना चाहिए कि अपराधियों को समय पर सजा मिल जाए और निरपराध को कोई फंसा न सके।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने शहरों में घटित होने वाले नए प्रकार के खाते को रोकने के लिए पुलिसिंग तकनीक से संबंधित पुलिस फोर्स के वायदों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जांच और अभियोजन की कार्रवाई समयबद्ध तरीके से पूरी करने के लिए पुलिस दस्तावेजों को एक साथ प्रभावी रूप में कार्य करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि जांच के वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग कर पुलिस को अपने तंत्र को इतना मजबूत करना चाहिए कि अपराधियों को समय पर सजा मिल जाए और निरपराध को कोई फंसा न सके।
वह आज यहां केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान में केंद्रीय गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) द्वारा आयोजित जांच के घेरे के प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन में संदेश दे रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की कानून व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी में पुलिस होती है। उन्होंने कानून का पालन करते हुए पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकन करते हुए कहा कि पुलिस बल देश की आंतरिक सुरक्षा की निगरानी ही नहीं करता, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा के भी प्रहरी होते हैं।
आधिकारिक बयानों के अनुसार, सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल मिश्रण ने कहा कि वैश्वीकरण एवं सूचना और संचार के इस दौर में आपराधिक मामलों के लक्षण कई गुना बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा जांच और अभियोग की कार्यवाही में तेजी के लिए अपराध विवेचन में वैज्ञानिक कार्य और उनकी तुरंत एवं दक्षतापूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के अनुमान बालाजी श्रीवास्तव ने जांच एवं अनुसंधान में उत्कृष्ट कार्यप्रणाली और मानक प्रोत्साहन के महत्व के बारे में जानकारी दी।
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