गरियाबंदछत्तीसगढ़

सरकारी धान और डीजल की हेरा-फेरी का खुलासा, 165 लीटर डीजल और 15 बोरे धान जब्त

UNITED NEWS OF ASIA. गरियाबंद। खरीदी केंद्र से संग्रहण केंद्र के लिए भेजे गए धान के बोरे कोयबा के एक ढाबे में मिले. यही नहीं 165 लीटर डीजल भी बरामद किया गया. खाद्य निरीक्षक की छापेमारी में खुली इस कलई के पीछे ट्रांसपोर्टरों की जिम्मेदार अधिकारियों से सेटिंग है, जिसमें धान परिवहन के दरमियान मात्रा में आई कमी की भरपाई खरीदी केंद्रों से कराने का रिवाज बन गया है.

दरअसल, खरीदी केंद्र से धान भर कर संग्रहण केंद्र के लिए निकले ट्रक अक्सर कोयबा में नेशनल हाइवे से लगे एक ढाबे में अक्सर रुका करते थे. जहां ढाबा संचालक के साथ मिल सरकारी धान व ट्रक के डीजल की हेरा-फेरी की जाती थी. सूचना के आधार पर सहायक खाद्य अधिकारी कुसुम लता ने ढाबे में छापेमारी की.

मौके पर मौजूद धान लोडेड ट्रक का चालक अफसर को देख कर गाड़ी लेकर भाग निकला. वहीं जब टीम ने ढाबे की तलाशी ली तो 15 बोरा धान के साथ 165 लीटर डीजल भी मिला. ढाबा संचालक जप्त समान के कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं दिखा पाया. अफसर ने पंचनामा कर अग्रिम कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन आला अफसरों को भेज दिया है.

जप्त किए गए धान अमलीपदर और गोहरापदर (मैनपुर) खरीदी केंद्र से लोड किया गया था. बारदाना में लगे मोहर के आधार पर पहचान के बाद अब परिवहन में जुटे ट्रक व चालक के नाम पर कार्रवाई की तैयारी है. मैनपुर एएफओ कुसुम लता ने कहा कि पंचनामा कर प्रतिवेदन जिला अधिकारी को भेजा जा रहा है. निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

दागी ट्रांसपोर्टर को मिल रहा पूरा समर्थन

परिवहन के लिए टेंडर किसी का भी लगे पर कुंडेल में नवापारा के स्थानीय एक ट्रांसपोर्टर को जिम्मा दिया जाता है. पहले धान भरे ट्रक के गायब करने के मामले में ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई भी हो चुकी है. लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते ट्रांसपोर्टर अब भी संग्रहण केंद्र में जमा हुआ है. छोटी-मोटी हेराफेरी की ताकत चालकों को वहीं से मिलती है. बता दे कि संग्रहण केंद्र से दुरस्त देवभोग अमलीपदर थाना क्षेत्र से अब तक 10 ट्रक धान गायब हो चुके हैं. कुछ में आरोपी पकड़े गए, लेकिन मामला अब भी नहीं सुलझ पाया है.

गलती किसी और की, सजा कोई और भुगते

एक ट्रक में 5 से 10 बोरा धान गायब करना एक तरह से रिवाज बन गया है. दरअसल, खरीदी केंद्र से जितना भी वजन भेजा जाए उसको संग्रहण केंद्र में दोबारा वजन कराया जाता है. मात्रा में अंतर की भरपाई संग्रहण केंद्र वाले खरीदी केंद्र से कराते है. रास्ते में गायब हो रहे बोरे इस बात का प्रमाण है कि गड़बड़ी वाहन व ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग करते हैं, पर हर्जाना खरीदी केंद्र से किया जाता है. खरीदी केंद्र प्रभारियों ने खरीदी केंद्र से धरम काटा किए गए पर्ची को मान्य करने की जायज मांग कर चुके हैं पर इस मांग को क्यों नहीं माना जाता, समझ से परे है.

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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