
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर/खैरागढ़ | छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत कार्यरत महिला स्वास्थ्य कर्मी आरती यादव की आत्महत्या ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी हकीकत को बेनकाब कर दिया है। छुईखदान ब्लॉक के जंगलपुर स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) के पद पर तैनात आरती यादव ने संविदा प्रणाली में मानसिक और आर्थिक शोषण से तंग आकर जान दे दी।
आरती यादव पिछले एक महीने से गहरे पारिवारिक संकट से जूझ रही थीं। एक माह पूर्व उन्होंने अपने पति को सड़क दुर्घटना में खो दिया था। एक साल के मासूम बेटे की देखभाल के लिए उन्होंने अधिकारियों से घर के पास स्थानांतरण और अवकाश की गुहार लगाई, लेकिन कथित रूप से किसी प्रकार की सहानुभूति नहीं दिखाई गई। वे दुर्ग जिले से प्रतिदिन 55 किमी दूर जंगलपुर के स्वास्थ्य केंद्र में अकेले रहकर अपनी ड्यूटी निभा रही थीं।
मृत्यु से पहले लगातार मानसिक उत्पीड़न, वेतन रोके जाने और अतिरिक्त कार्यभार जैसे कारणों ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया था। बताया जा रहा है कि उन्हें एक ही व्यक्ति से चार कर्मियों का कार्य कराया जा रहा था और हाल ही में जारी TOR (Terms of Reference) में असंभव लक्ष्यों का दबाव था।
स्वास्थ्य केंद्र बंद होने पर “सुशासन तिहार” के दौरान शिकायत दर्ज होने से उन्हें उच्चाधिकारियों की ओर से प्रताड़ित किया गया। इसके अलावा तीन माह से कार्य आधारित भुगतान और एक माह का वेतन भी रोक दिया गया था।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार
छत्तीसगढ़ एनएचएम कर्मचारी संघ ने इस मौत को “एक माँ नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की हार” बताया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी और मीडिया प्रभारी पूरन दास ने संयुक्त बयान में कहा कि लगातार हो रही ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि संविदा स्वास्थ्य कर्मी कितने असुरक्षित और असहाय हैं।
उन्होंने सरकार से तत्काल इन मांगों पर ध्यान देने की अपील की:
संविदा कर्मियों का नियमितीकरण
सवैतनिक चिकित्सा अवकाश और अर्जित अवकाश
स्थानांतरण नीति
कैशलेस चिकित्सा बीमा
मानव संसाधन नीति में सुधार
C.R. (गोपनीय रिपोर्ट) प्रणाली में पारदर्शिता
यह केवल एक मौत नहीं… एक सिस्टम की चेतावनी है
आरती यादव की मृत्यु केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि संविदा प्रणाली में काम कर रहे हजारों स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक चेतावनी है। यदि समय रहते इन मुद्दों पर सार्थक पहल नहीं हुई, तो ऐसी घटनाएं बार-बार इस असंवेदनशील तंत्र की असफलता उजागर करती रहेंगी।
यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..
आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787
निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News
Now Available on :