लेटेस्ट न्यूज़

मासिक धर्म स्वच्छता दिवस : मासिक धर्म के दर्द से राहत दिला सकते हैं ये 3 योगासन।- माहवारी स्वच्छता दिवस : इन 3 योगासनों को करने से पीरियड्स के दर्द में आराम मिलेगा।

टीनएज से लेकर मेनोपॉज तक का सामना करना पड़ता है। यही उम्र परिवार और पेशेवर सामने पर भी आपके लिए बहुत सारी जिम्मेदारियां लेकर आता है। काम के दौरान पीरियड्स का आना आपके लिए बहुत सारे क्रैम्प्स, ब्लोटिंग और मूड स्विंग्स का कारण बन सकता है। हालांकि इन सभी को डील करने के लिए आप बहुत से उपायों को अपनाएंगे। पर योग एक ऐसा उपाय है, जो न केवल किसी समस्या को डील करने में मदद करता है, बल्कि एक स्वस्थ और बेहतर जीवन का भी कारण बनता है। मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे (माहवारी स्वच्छता दिवस 2023) के संदर्भ में आपको उन खास योगासनों के बारे में भी जानना चाहिए जो पीरियड्स (पीरियड के लिए योग) के दौरान आपके लिए हो सकते हैं।

माहवारी के दौरान आपको पेट दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द, पेट में ऐंठन सहित कई शारीरिक तकलीफों से काम करना पड़ता है। इसमें से कुछ आराम से डील कर सकते हैं, जबकि कुछ के लिए यह गलतफहमी हो सकती है। आपकी स्थिति कोई भी हो योगासन आपके लिए लाभ सिद्ध हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें इंटरकोर्स से लेकर टाइट अंडरगार्मेंट्स तक, ये 8 चीजें करती हैं फर्टिलिटी को प्रभावित, तुरंत ध्यान देना जरूरी है

आपके मेंस्ट्रुअल हेल्थ को कैसे प्रभावित करता है योगा

अगस्त 2014 से अक्टूबर 2015 तक पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित एक अध्ययन संपादक एंथनी आर मावसन ने ताइवान के एक इलेक्ट्रोनिक्स निर्माता में प्रतिबंधित माहिलों में मासिक धर्म वाली महिलाओं में 64 विषयों का अध्ययन किया। जिसमें उन्होंने पाया कि 90 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने पीरियड्स में दर्द का अनुभव किया है। वहीं योग करने के बाद अध्ययनों में पाया गया है कि 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं में पीरियड्स के दौरान दर्द की कमी हो गई।

सर्दी में होने वाले दर्द में राहत पाने के लिए महिलाएं उपचार तलाश रही हैं। चित्र शेयर करें

वैज्ञानिक भी देते हैं ऋतुओं में योगाभ्यास की सलाह

द्रास के वैद्य योगा एकेडमी के सेंटर सरकार द्वारा प्रमाणित योगाचार्य गुरु अरूण कुमार कथन हैं कि महिलाओं को मासिक धर्म में योग करना चाहिए, इससे दर्द में राहत मिलती है। अंश का कहना है कि इसे मासिक धर्म के अलावा प्रतिदिन भी किया जा सकता है। जिससे हमारा शरीर भी रोग मुक्त रहेगा। मासिक धर्म में राहत पाने के लिए धनुरासन और उष्ट्रासन का अभ्यास घर पर भी किया जा सकता है।

जानिए मासिक धर्म के दौरान 3 प्रभावी योगासन वापस लेने वाले

1 जानुशीर्षासन (जानुशीर्षासन)

अंश अरूण कथन हैं कि जानुशीर्षक को हर रोज करने से कंधा, हैमस्ट्रिंग और याचिकाएं उभरती हैं। इसके अलावा मासिक धर्म में होने वाले दर्द से भी राहत संबंधी सावधानियां हैं। यह आसन इस दौरान होने वाले मिजाज में बदलाव से निपटने में भी आपकी मदद करता है। इससे मन को शांति मिलती है और अतिरिक्त थकान से भी राहत मिलती है।

इस तरह से जानुशीर्षासन

1- फर्श पर बिछाएं और उस पर सीधे बैठ जाएं।

2- अब अपने दोनों पैरों को सामने की तरफ फैला लें और अपने दाहिने घुटने को बाहर की तरफ मोड़ें, जिससे आपके दाहिने पैर की एड़ी बाएं पैर की जांघ को छुएं।

3-धीरे-धीरे गिरने का प्रयास करें, पीठ को और अधिक फैलाएं और लंबी सांस लें

4- इस दौरान आपको ध्यान देना चाहिए कि बाएं पैर का घुटना और कमर को सीधा रखें।

5- अब आपके पैर के लिंक अंदर की ओर मुड़ते हैं और इसी पोजीशन में तीन से चार मिनट तक टिके रहते हैं।

2 धनुरासन (Dhanurasana )

योग गुरु कहते हैं कि इस आसन को करने से पेट का अनुकूलन सही होता है। साथ पेट की स्थिति में भी राहत मिलती है। इससे छाती और छत में दर्द से राहत मिलती है। यह हमारे रिप्रोडक्टिव संगठनों को भी लाभ प्रदान करता है, जब भी समय-समय पर क्रैम्प को कम किया जा सकता है।

इस तरह धनुरासन

1- सबसे पहली मुलाकात में पेट के बल लेट जाएं, दो पैरों को जोड़ लें।

2- अब अपनी दोनों पलकों को कंधे के नीचे रखें।

3- अब सिर और छाती को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।

4- आसन करते हुए छत की ओर देखें और सामान्य तरीके से सांस लेते रहें।

5- इसी तरह पांच मिनट तक रुकें, थोड़े देर के ब्रेक के बाद इसे बनाया।

3 उष्ट्रासन (उष्ट्रासन)

माहवारी के दौरान ज्यादातर महिलाएं पीठ दर्द का अनुभव करती हैं। इसके लिए योग गुरु उष्ट्रासन करने की सलाह देते हैं। वे कहते हैं कि इस आसन की शुरुआत करते समय आपको गिरने का डर लग सकता है, पर आप डरने की आदत बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं। फायदे की बात करें तो इसे करने से छाती, छाया, पेट, कंधा और कमर को जोड़ा जाता है। साथ ही पीठ की मांसपेशियों में आराम की शिकायत, थकान और बेचैनी को कम करता है।

योग-7.जेपीजी
इस योगा को घर में फॉलो कर सीरिएंस के दर्द में राहत पाई जा सकती है। चित्र शेयर करें

ऐसे करें उष्ट्रासन

1- मैट बिछाएं और अपने दोनों घुटनों को मोड़ लें, बीच में गैप जरूर रहे।

2- अब अपनी पलकों को पीठ के नीचे वाले हिस्से पर रखें, जिसका संतुलन बना रहे।

3- अब अपने सिर और छाती को ऊपर की तरफ खींचें।

4- अब कंधे को नीचे की ओर ले, कूल्हे को आगे जाएं।

5-चमड़े को आगे की ओर चमकाएं और आइनों को खीचें और ऊपर देखें।

6 – इस पोस्ट में दो मिनट तक रहें।

यह भी पढ़ें इसबगोल न सिर्फ पेट साफ करता है, बल्कि वजन भी करता है कम, न्यूट्रीशनिस्ट बताते हैं तरीके

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page