पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अध्यक्ष व जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के छायांकन को ‘आशा की किरणें’ प्रकाशित होते हुए शनिवार को कहा कि उम्मीद है कि देश के शेष अंश भी ‘सांप्रदायिकता की राजनीति’ को खारिज कर दिया विल और विकास व समृद्धि के लिए पोलिंग।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के अध्यक्ष व जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के छायांकन को ‘आशा की किरणें’ प्रकाशित होते हुए शनिवार को कहा कि उम्मीद है कि देश के शेष अंश भी ‘सांप्रदायिकता की राजनीति’ को खारिज कर दिया विल और विकास व समृद्धि के लिए पोलिंग। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कर्नाटक की जनता ने उन लोगों को ‘खारिज’ कर दिया है जो देश को धार्मिक आधार पर विभाजित करना चाहते थे।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, कर्नाटक चुनाव के अब तक के मौके और जीत में कांग्रेस 224 सदस्यीय विधानसभा में 136 सीटें हासिल करने की ओर है। श्रीनगर में सवांद के सहयोगियों से बातचीत में महबूबा ने कहा, ”भाजपा ने अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार चुनाव को सांप्रदायिक बनाने की पूरी कोशिश की। यहां तक कि बजरंगबली, धर्म और हिंदू-मुस्लिम विवाद का भी सहयोग लिया। प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने धार्मिक आधार पर भाषण देने की कोशिश की। इसके बावजूद लोगों ने इन मुद्दों को किनारे रखते हुए विकास को चुना, जिसे कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में प्रमुखता दी थी।”
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोगों ने यह संदेश दिया है कि वे हिंदू-मुस्लिम बहस में झल्लाना नहीं चाहते, बल्कि वे नौकरी, चमक और विकास से जुड़े अन्य मुद्दों को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हो या मूल गांधी वाड्रा या कांग्रेस के अन्य नेता, सभी ने विकास, रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं के मुद्दों को आगे बढ़ाया और जनता ने इसके लिए वोट दिया। PDP नेता ने कहा, ”यह अच्छी खबर है क्योंकि अगले साल (जम्मू कश्मीर में) विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और बंधुत्व के विचारों पर हमला किया जा रहा था, लेकिन ”आज कर्नाटक से आशा की किरणें देखने को मिल रही हैं।”
पूर्व ने कहा, ”मुझे आशा है कि संपूर्ण देश सांप्रदायिकता की राजनीति को खारिज कर दिया जाएगा और देश के विकास व समृद्धि के लिए वोट मिलेगा।” महबूबा ने बाद में ट्वीट कर आशा व्यक्त की कि भाजपा की इस हार से भारत में नई शुरुआत होगी होगा। उन्होंने ट्वीट किया, ”कर्नाटक में शानदार जीत के लिए कांग्रेस को बधाई। बीजेपी के अति विद्वेषपूर्ण सांप्रदायिक अभियान के मद्देनजर यह आसान नहीं था। कर्नाटक की जनता ने विभाजन और कट्टरता को खारिज कर दिया। मुझे उम्मीद है कि इससे भारत की नई शुरुआत होगी।”
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कर्नाटक की जनता को धार्मिक आधार पर देश का बंटवारा करने की इच्छा रखने वालों को ‘खारिज’ करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता ने ‘माकुल जवाब’ दिया है कि भारत एक है और ”हम सभी किसी भी धर्म के हो इस देश और राज्य को आगे लेकर जाएंगे।” अब्दुल्ला ने ‘पीती-भाषा’ वीडियो सेवा से कहा, ”मैं। कर्नाटक की जनता को उन लोगों को खारिज करने के लिए बधाई देता हूं जो हमें धार्मिक आधार पर साझा करना चाहते हैं, जो धमकी देते हैं कि अगर आपका वोट कहीं और गया तो सब कुछ रोक दिया जाएगा।”
वे ‘मुश्किल समय’ में चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, असली गांधी वाड्रा और दंड को बधाई दी। अब्दुल्ला ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने उनके परिणाम दिखाए हैं और अगर हमें इस देश की एकता रखना है तो मिलकर काम करना होगा और धार्मिक आधार पर कोई लड़ाई नहीं होनी चाहिए। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कर्नाटक चुनाव के मौके पर अब भाजपा में हिम्मत नहीं है कि वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की ‘अनुमति’ दे। अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, ”अब बीजेपी जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव की अनुमति नहीं देगी।
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