शीघ्र उपचार : छत्तीसगढ़ राज्य में अब व स्टेट हाईवे किनारे पर स्थित मेडिकल कॉलेज व जिले की अतिसंवेदनशीलता में ट्रामा सेंटर खोला जाएगा। इनमें से किसी भी मरीज को प्रत्यक्ष प्रभाव से इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी।
ऐसे में सड़क हादसे में घायल वी अचानक बीमार पड़े हुए लोगों का इलाज होगा। जहां अभी ट्रामा सेंटर चल रहे हैं, उसे मजबूत किया जाएगा। ताकि मरीजों को रायपुर रेफर करने की जरूरत न पड़े। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग इस परियोजना पर काम करना शुरू कर दिया है। में 50 से 75 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। राज्य में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज है, जहां सभी जगहों पर ट्रामा सेंटर हैं, लेकिन अभी वहां न्यूरो सर्जन जैसे विशेषज्ञ नहीं हैं।
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ऐसे में हेड इंजुरी वाले मरीजों को अंबेडकर अस्पताल रेफर करना है। रायपुर का ट्रामा सेंटर सबसे ज्यादा विकसित हुआ है। इसके अलावा सिम्स बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, राजनांदगांव, कोरबा, महासमुंद, कांकेर, जगदलपुर व दुर्गा चिकित्सा महाविद्यालय में ट्रामा सेंटर पूरी तरह से विकसित नहीं है। नेशनल और स्टेट हाईवे में 200 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट है। सड़क दुर्घटना में हर साल 5000 से ज्यादा की मौत होती है। यह पात्र पुलिस विभाग है। नए ट्रामा सेंटर समूहों के अनुसार पुराने से विकसित होने वाली मौतों की संख्या में कम होने की अनुमान है।
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