
हर महिला मां बनने पर बेहद खूबसूरत होती है। इस ख़ुशी के साथ बहुत सी सारी प्रतिपक्षी भी साथ आती हैं। वैजाइनल बर्थ (योनि जन्म) या योनि से प्रसव को कई मामलों में महान माना जाता है। इसके साथ एक समस्या वैजाइनल टियरिंग या योनि का फटना (योनि में आंसू) भी जुड़ी हुई है। वेसाइनल टियरिंग से दर्द, पथरी और योनि संबंधी अन्य परेशानियां भी हो सकती हैं। हालाँकि हर महिला में इसके लक्षण और नामांकन अलग-अलग हो सकते हैं। यहां यह जानना जरूरी है कि इससे क्या बचाया जा सकता है? इसके बारे में इनवेस्टमेंट ((योनि के आंसू) के लिए हेल्थ कंसर्ट ने अपोलो क्रैडल एंड चिल्ड्रेन हॉस्पिटल (चिराग एन क्वालीफायर), नई दिल्ली में सीनियर कंसल्टेंट (प्रसूति एवं स्त्री रोग) डॉ. युवाक्षी जुनेजा के साथ बातचीत की।
पहले समझें वैजाइनल टियरिंग क्या है (योनि में आंसू)
वेसाइनल टियरिंग या पेरिनियल लैकरेशन (पेरिनियल लैकरेशन) तब होता है, जब योनि नलिका के सेंसिटिव खराब हो जाते हैं। डॉ. जुनेजा का कहना है, ‘ज्यादातर लोग इसे बच्चे के जन्म से छोड़ देते हैं, लेकिन यह सेक्स के दौरान भी हो सकता है। योनि लचीली और अंग है। भारी बल या दबाव के कारण यह आपकी क्षमता से अधिक खामी हो सकती है। जिससे योनि की दीवारों में दांत आ जाते हैं। वेज़ाइनल टायरिंग की सीमा और नामांकन के लिए अलग-अलग आवंटन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। बच्चे का आकार, मां की शारीरिक संरचना और प्रसव की अवधि भी इसे प्रभावित करती है।
फोरसेप स्टोरेज बन सकता है कारण
असल में योनि का फटना आम है। इसमें आम तौर पर पेरिनियल त्वचा या योनि म्यूकोसा शामिल होता है। आम तौर पर यह किसी विशेष उपचार के बिना आप ठीक हो जाते हैं। जबकि गंभीर वेजीनल टियरिंग को दूसरी डिग्री, तीसरी-डिग्री, या चौथी-डिग्री में रखा जाता है। ऐसा काम होता है.
व्यापक तौर पर टियर या वेजीनल टियरिंग पोर्टेबल लाइब्रेरी यी और फोरसेप डिलीवरी (वैक्यूम और फोरसेप्स डिलीवरी जैसी वाद्य डिलीवरी) के साथ देखा जाता है। इसके उपचार को बढ़ावा देने और कनेक्टिविटी को रोकने के लिए प्रीसेट के बाद अधिक देखभाल और प्रबंधन की आवश्यकता है।
नामांकन के दौरान वैजाइनल टियरिंग से बचाव के उपाय (योनि के आँसू की रोकथाम)
पेट के दौरान वैजाइनल टायरिंग को पूरी तरह से हमेशा के लिए लाभ संभव नहीं हो सकता है। जोखिम को कम करने के लिए कुछ उपाय जा सकते हैं।
1. पेरिनियल मसाज (पेरिनियल मसाज)
डॉ. जुनेजा का कहना है, ‘इसमें प्रसव से पहले के भाग में वेजीनल किशोरी के आसपास के आश्रमों को धीरे-धीरे खींचना और मालिश करना शामिल है। इस तकनीक का उद्देश्य मशीनरी के पैनल और लोच को लेना है। इसका चयन कम किया जा सकता है।
2. पेल्विक फ्लोर व्यायाम का अभ्यास (पेल्विक फ्लोर व्यायाम)
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज पेलविक क्षेत्र की संरचना को मजबूत बनाने में मदद कर सकती है। मजबूत पेल्विक फ्लोर बच्चे के जन्म के दौरान योनि के मार्गदर्शन को बेहतर समर्थन प्रदान कर सकता है। इससे वेलाइन टायरिंग की संभावना कम हो जाती है।
3. गर्म सिंकाई (गर्म सेक)
माता-पिता के दौरान चिर-फाड़ को रोकने में मदद के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है। इनमें रक्त प्रवाह बढ़ाने और टिशू इलास्टिसिटी बढ़ाने के लिए पेरिनेम पर हॉट सेंक प्रदान करना शामिल है इसमें शामिल हो सकते हैं।।
योनि की देखभाल (Vaginal Care) के बाद जरूरी है योनि की देखभाल (Vaginal Care)
योनि के टियरिंग से होने वाली रुकावट के दौरान योनि की देखभाल को बढ़ावा देना जरूरी है।
योनि क्षेत्र को गर्म पानी और रेशम और सुगंध रहित साबुन से धोकरस्वच्छता बनाए रखें।
कठोर रसायन या योनि को साफ करने से असंतुलित, जो योनि के प्राकृतिक संतुलन को बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।।

पेरिनियल क्षेत्र में आइस पैक या गर्म सेंक लगाने से सूजन को कम करने और राहत देने में मदद मिल सकती है।
कभी-कभी पेरिनियल क्षेत्र को गर्म पानी में भिगोने से दर्द ठीक हो जाता है और राहत में मदद मिल सकती है।
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