मुंबई. एकल उद्योगपति तुषार कपूर (तुषार कपूर) लंबे समय से किसी भी फिल्म के माध्यम से दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाए हैं। अब ब्रेक के बाद उन्होंने फिल्म ‘मारीच’ (मैरिच) के साथ फिर से दर्शकों के बीच एंट्री ली है। खास बात तो ये है कि इस फिल्म में तुषार कपूर एकदम नए अंदाज, नए रूप में नजर आ रहे हैं। हालाँकि, शुरुआती संकेत कर रहे हैं कि मारीच लोगों को समझ नहीं आ रहा है।
फिल्म एक बाजार केस की सुलाझाती नजर आती है। फिल्म में पुलिस ऑफिसर राजीव दीक्षित यानी तुषार कपूर एक नामी मिस्त्री को संगीत की कोशिश कर रहे हैं।
कहानी
फिल्म की कहानी पुलिस में एक मॉडल और उसके दोस्त की गर्लफ्रेंड राजीव दीक्षित और सुपरमार्केट में रहने वाली एक मॉडल और उसके दोस्त की गर्लफ्रेंड मिस्त्री के स्टूडियो-गिरठ में घूमती है। सुपरमार्केट में रहने वाली एक मॉडल और उसके दोस्त की हत्या हो जाती है। राजीव इस केस में रॉकेट की कोशिश करता है, केस और उलझनें रखता है। जब राजीव पर मीडिया और सीनियर का दबाव आता है तो वह एक नारियल वाले को प्रपोज कर के केस बंद कर देता है, लेकिन फिर वापस घूम जाता है।
अभिक्रियाएँ: तुषार कपूर ने जब से अभिनेत्रियों की दुनिया में कदम रखा है, तब से ही उनके कलाकारों के भाव हर किरदार में एक रह गए हैं। वे कलाकार में डूबने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह स्क्रीन पर नज़र नहीं आतीं। ऐसा ही कुछ ‘मारीच’ में भी हुआ है. पुसिल इंस्ट्रूमेंट के किरदार में उनका रोब स्कर्ट पर नहीं दिखाया गया है। एक्टर को इफेक्टिव मेकिंग के लिए जिस तरह का स्टाइल चाहिए था, वह दिखाए नहीं जा सके। फिल्म नसीरुद्दीन शाह और राहुल देव के लिए कुछ खास नहीं है।
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निर्देशन: ध्रुव लाठर ने फिल्म की कहानी लिखी और निर्देशित की है। स्क्रिप्ट पर और काम किया जा सकता था। कहानी टूटी सी और खींची हुई दिखाई देती है। डॉक्यूमेंट्री मूवी में दर्शकों को थ्रिल जैसा कुछ महसूस नहीं होता है। फिल्म की कड़ियों को जोड़कर निर्देशित किया गया है।
‘मारीच’ को व्यावसायिक श्रेणी की फिल्म कहा जा सकता है। कहानी के कॉन्स्टेंट दर्शकों को बांधे रखना बेकार है।
विस्तृत रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
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पहले प्रकाशित : 09 दिसंबर, 2022, 16:49 IST