
पटना यूनिवर्सिटी कैंपस प्लेसमेंट: एक तरफ से पटना विश्वविद्यालय में नामांकन लेने के लिए छात्रों को काफी अच्छे मार्क्स आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ खबर सामने आ रही है कि यहां के छात्र (पटना यूनिवर्सिटी में जॉब ऑफर) के ऑफर को भी ठुकरा रहे हैं। बड़ी ऑक्टोज शेयरिंग तो मिल रहे हैं लेकिन कॉलेज के स्टूडेंट शेयरिंग में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
पूर्वी विश्वविद्यालय के शेयर चार्ज पैसिफिक भूषण लाल रंग के संकेत हैं कि अभी यहां तीन कंपनी फेडरल बैंक, सिंटेक्स और स्काई का अधिग्रहण हुआ बायजू (BYJU’S) की ओर से शेयर का ऑफर आया है। आवेदन करने की अंतिम तिथि बुधवार 18 जनवरी तक थी, लेकिन विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज से आकाश संस्थान में केवल 62 छात्रों-छात्रा ने आवेदन किया है। उसके लिए भी हमें काफी मशक्कत करनी पड़ी है।
मना करना मना करें
उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा फिजिक्स के छात्र-छात्राओं की मांग थी, लेकिन फिजिक्स से सिर्फ तीन छात्रों ने आवेदन किया है। जूलॉजी से 22 छात्रों ने आवेदन किया है जिसकी जरूरत बहुत कम है। वहीं सिंटेक्स में एमबीबीएस के छात्रों की जरूरत है। वहां केवल तीन ने आवेदन किया है। फेडरल बैंक के लिए अभी कंपनी के एचआर ने डाटा नहीं दिया है कि कितने छात्रों ने आवेदन किया है। उन्होंने बताया कि ग्रुप से शेयर मिला है जिसमें स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी जा रही है। अगर यह ट्रेनिंग में पास हो जाते हैं तो टास्क ग्रुप के किसी भी कंपनी में उन्हें जॉब के लिए किसी स्लॉट में आने की जरूरत नहीं है। सीधा साक्षात्कार होगा, लेकिन उसके लिए भी बहुत कम छात्र-छात्रा प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं।
कम छात्र ले रहे हैं
आगे उन्होंने बताया कि कॉमर्स कॉलेज में थर्ड अटैक की ट्रेनिंग हो रही है। शामिल पहले दो बंधन में 180 छात्र-छात्राओं ने शिक्षा की और अभी तीसरे पत्ते में 177 तो कुल मिलाकर 357 छात्र पूत विश्वविद्यालय के वाणिज्य कॉलेज से पढ़ाई करने के लिए समूह में गए हैं। उसी समय महिला कॉलेज से ट्रोह जुड़ते हुए 112 होस्ट सीख रहे हैं तो उसी समय सताना वीमेंस कॉलेज में पहले के दो में 45 होस्टें और अभी तीसरे में 55 छात्राएं सीख रही हैं। कुल 100 होस्ट्स पूर्व वीमेंस कॉलेज से टास्क में सीख रहे हैं। पुणे यूनिवर्सिटी में 23000 छात्र-छात्राएं हैं, लेकिन केवल 569 छात्र अपना भविष्य बनाने के लिए सीख रहे हैं।
पुणे विश्वविद्यालय में पार्टनर के लिए छात्रों का डाटाबेस भी तैयार नहीं है
बेरोजगारी को लेकर युवा आए दिन सरकार पर ताने कसते हैं तो फिर पुणे विश्वविद्यालय जैसे बड़े संस्थान के छात्र भविष्य बनाने के लिए क्यों पीछे भाग रहे हैं। इसके पीछे बहुत से कारण हैं। पूर्वांचल विश्वविद्यालय से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बिहार में बड़ी कंपनियों के प्रस्ताव नहीं आते हैं, लेकिन छोटे कंपनियां पूर्व विश्वविद्यालय में प्रचार के लिए शेयर करती हैं। टर्म एंड कंडीशन होती है कि आवेदन करने के बाद अगर छात्र छात्राओं को कंपनी का डांस आता है तो वह छह महीने के लिए ट्रेनिंग देता है। फेडरल बैंक में 16000 रुपये प्रति माह सीखने के दौरान दी जाएगी। इसमें छात्रों का कहना है कि हमने इतनी पढ़ाई केवल 16000 के लिए नहीं की है। दक्षिण भारत के विवरण के विवरण में सीखने के दौरान 40000 से अधिक दिए गए हैं। इसी तरह किसी भी बंधक की पेशकश में 16 से 20 हजार दिए जाते हैं जिसके कारण छात्र शेयर की अस्वीकृति को अस्वीकार कर देते हैं।
पीछा करने के लिए कॉलेज के पास छात्रों का डाटाबेस नहीं
दूसरा बड़ा कारण यह है कि पुणे विश्वविद्यालय में 23000 छात्र हैं, लेकिन सदस्यता के लिए छात्रों ने उनका डाटाबेस विश्वविद्यालय नहीं बनाया है। उन्होंने बताया कि हमारे पास उसका कोई डाटाबेस नहीं है। बिहार सरकार की ओर से कर्मियों और वेतन देने के अलावा कोई भी अतिरिक्त प्रोफेसर नहीं लेने से जुड़े रहने के लिए छात्रों को कैसे प्रेरित किया जाए और सभी को जानकारी कैसे मिले इसके लिए अधिक मुम्ममल व्यवस्था की जारी रखें। मुख्य बात ये है कि सभी छात्रों तक पूरी जानकारी नहीं पहुंचती है। दक्षिण भारत के मामले में कंपनी खुद आती है, लेकिन यहां हमें बुलानी है। इसका मुख्य कारण यह है कि कंपनी के अधिकारी कॉलेज की ओर से डोनेशन मिलते हैं और कॉलेज के छात्रों को लाइसेंस में लेते हैं।
यह भी पढ़ें- कैमूर न्यूज: कैमूर में रामविलास की पार्टी ने सीएम की निरंकुशता के समाधान यात्रा का किया विरोध, बताएं ये बड़े कारण



- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें