
मुंबई। बॉलीवुड में 60 और 70 के दशक में अपनी स्मार्टनेस और अभिनय के पर्दे पर राज करने वाले अभिनेता मनोज कुमार की असल जिंदगी भी फिल्मी कहानी से कम नहीं हो रही है। पाकिस्तान में जन्मे मनोज कुमार ने बॉलीवुड में रोटी झोपड़ी, उपकार, शोर और क्लर्क जैसे कई शानदार फिल्मों में काम किया है। अपने क्यूट चेहरे और मासूम अदाओं को लेकर दफ्तर जाने वाले मनोज कुमार ने बॉलीवुड में कई देशभक्तों से भरी फिल्में भी बनाई हैं।
इन फिल्मों के गाने हमेशा के लिए अमर हो गए। आज भी 15 अगस्त या फिर 26 जनवरी को मनोज कुमार की फिल्मों के गाने बजते सुनाई दे जाते हैं। ‘है जहां प्रीति की रीत सदा’ ‘मेरे देश की धरती सोना उगले’ जैसे कई गाने शामिल हैं। 24 जुलाई 1937 को पाकिस्तान के अबोटाबाद में बने मनोज मनोज जब 10 साल के थे तो उनका परिवार दिल्ली आ गया। विभाजन के कारण भारत आए शॉट कुमार का वास्तविक नाम हरिकृष्णा ग्राहिस्वामी है।
देशभक्त फिल्मों के कारण कहलाए मिस्टर भारत
अपने देशभक्त फिल्मों के कारण ही मनोज कुमार को मिस्टर भारत के नाम से पता चल गया था। देशद्रोही सरबोर फिल्में बनाने वाले मनोज कुमार का करियर उनकी एक फिल्म में ही डूब गया। मनोज कुमार ने 1987 में कलयुग और रामायण नाम की फिल्म बनाई थी। इसी फिल्म ने मनोज के करियर का अंत कर दिया। मनोज कुमार के फैन्स को ये फिल्म बिल्कुल पसंद नहीं आई. यही फिल्म आगे जाकर मनोज कुमार के करियर की सबसे खराब फिल्म बन गई। बंटवारे के बाद भारत आया मनोज शर्मा का परिवार दिल्ली के अशोक नगर में बस गया।
दिल्ली के हिंदू कॉलेज से की पढ़ाई
हिंदू कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद शूट कुमार ने भी फिल्मों में करियर बनाने का रुख किया। मनोज कुमार ने 1957 में पहली बार फैशन नाम की फिल्म में काम किया था। इस फिल्म में मनोज कुमार ने 80 साल की शख्सियत का किरदार निभाया है। इस कहानी में भी शॉट कुमार ने जान फुंक दी थी। इसके बाद सहयोग, पंचायत, चांद, हनीमून और रेशमी रोमांटिक जैसी कई शानदार फिल्में दी हैं। मनोज कुमार के करियर में टर्निंग प्वाइंट फिल्म 1962 में चमक और रास्ता बना। इस फिल्म से मनोज कुमार को काफी पहचान मिली।
बॉलीवुड की कई हिट फ़िल्में
इसके बाद मनोज कुमार ने कई हिट फिल्में ‘वो कौन थी’, ‘गुप्त, गुमनाम’, ‘हिमालय के गोद में’, ‘पत्थर के सनम’, ‘अनीता’ और ‘रोटी झूठ और मकान’ में शामिल हुईं। मनोज कुमार ने अपने करियर में कई देशभक्त सरबोर फिल्में भी दी हैं। यही कारण है कि किशन कुमार को श्री भारत का भी नाम दिया गया। साल 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद सलाहकार प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने मनोज कुमार को युवा और किसानों पर फिल्म बनाने की सलाह दी। प्रधान मंत्री की सलाह पर मनोज कुमार ने उपकार किया। यह फिल्म काफी पसंद की गई थी। हालांकि कुछ फिल्में फ्लॉप होने के बाद मनोज कुमार का करियर डाउनफॉल शुरू हो गया।
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टैग: बॉलीवुड नेवस, मनोज कुमार
पहले प्रकाशित : 13 फरवरी, 2023, 09:34 IST
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