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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होगी : मनीष तिवारी

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के परिणाम क्या होंगे, इस पर एक पत्रकार के सवाल के जवाब में तिवारी ने कहा, हम जीत रहे हैं। हां, हम कर्नाटक जीत रहे हैं। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव 10 मई को एक ही चरण में होगा जिससे 2024 के दशक चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच जाम का एक और मंच तैयार हो गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को यहां कहा कि आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जीतेगी, क्योंकि वहां के लोग भाजपा सरकार के संबंध में विचार कर रहे हैं। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के परिणाम क्या होंगे, इस पर एक पत्रकार के सवाल के जवाब में तिवारी ने कहा, हम जीत रहे हैं। हां, हम कर्नाटक जीत रहे हैं। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव 10 मई को एक ही चरण में होगा जिससे 2024 के दशक चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच जाम का एक और मंच तैयार हो गया है।

यहां पार्टी के राज्य मुख्यालय निरीक्षण भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में तिवारी ने कहा, ”देश के लोगों में समानता, न्याय और जागरूकता की भावना चारों ओर है। वे (लोग) जानते हैं, जब चीजें पहुंचती हैं या बहुत दूर जाती हैं तो वे इसे महसूस कर सकते हैं। मुझे लगता है कि हम इस सरकार (कर्नाटक) के कार्यकाल में एक ऐसे बिंदु पर आ गए हैं जहां लोग निर्णय ले रहे हैं। पास नहीं है, बल्कि लोग हाईलाइट हो जाते हैं। यह एक बहुत ही अशुभ संकेत है जिसे आप अपने जोखिम पर देखते हैं।

टियर ने कोर्ट द्वारा आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया गया और सजा सुनाए जाने से जुड़े कानूनी मामले दर्ज किए गए और इसके परिणामस्वरूप गत 26 दिसंबर को उनकी अज्ञानता के बारे में बात के लिए संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी के अनुसार, गांधी की दोषसिद्धि और सजा कानून के होश से ठीक नहीं है और उन्हें आरोप लगाया जाना असंवैधानिक है। तिवारी एक वकील भी हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के कोलार में 2019 में गांधी ने अपने भाषण में शिकायत करने वाले व्यक्ति का कोई उल्लेख नहीं किया था।

उन्होंने कहा, यह व्यक्तिगत क्षति का मेल है, जिसमें व्यक्तिगत रूप से व्यथा महसूस करने वाले व्यक्ति को व्यक्तिगत उपाय करना होता है। इस मामले में, शिकायत दर्ज करने वाले व्यक्ति के भाषण में कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया था। तिवारी ने कहा कि आपराधिक मानहानि का मामला बनाने के लिए नुकसान पहुंचाने का इरादा भी होना चाहिए, और सुप्रीम कोर्ट ने कई अदालतों में ऐसा कहा है। कांग्रेस सांसद ने कहा, इस विशेष उदाहरण में, किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।

हां, एक राजनीतिक भाषण के दौरान, राजनीतिक बिंदु थे जो राहुल गांधी द्वारा बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि क्षेत्राधिकार का उल्लंघन भी हुआ था। तिवारी ने कहा कि घटना कर्नाटक के कोलार में हुई, लेकिन मामला गुजरात की सड़कों में दर्ज किया गया। सांसद ने कहा, इन सभी कारणों से आपराधिक मानहानि मामले की सामग्री प्रथम दृष्टया नहीं बन रही थी। गांधी को बिना किसी आरोप के जाने के बारे में टाइगर ने कहा कि किसी सांसद को बिना किसी आरोप के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सजा की भी आवश्यकता होती है और मामले की सजा को अदालत ने 30 दिन के लिए मुकदमा कर दिया था, इसलिए उन्हें आरोपित घोषित करने का आधार भी नहीं बना था।

तिवारी ने दावा किया है कि इसके अलावा अयोग्‍य प्रतिबंध की शक्ति 14 तारीख के अध्‍यक्ष या मंत्रिपरिषद के अध्‍यक्ष के पास नहीं, बल्कि भारत के राष्‍ट्रपति के पास है जिन्हें निर्वाचन आयोग की सलाह के आधार पर निर्णय लेना होता है। उन्होंने कहा, इस मामले में, राहुल गांधी को उनकी सजा के 24 घंटे के भीतर अयोग्य घोषित कर दिया गया और अगले 24 घंटे के भीतर उन्हें अपना सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया। इन दो शब्दों से भिन्न इरादा स्पष्ट है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ऐसा क्यों हो रहा है, यह राजनीतिक हिस्सा है।

ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि राहुल गांधी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मद्देनजर अडानी ग्रुप से जुड़े हुए करने वाले सवाल उठा रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस लगातार और बार-बार मांग करती रही है कि अडानी के खिलाफ झूठ की जांच के लिए एक संयुक्त पंचायत समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए। टाईयर ने इस बात से भी इनकार किया कि गांधी के दोषसिद्धि के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में कांग्रेस द्वारा कोई देरी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों के रिकॉर्ड बड़े और गुजराती में थे और इसलिए उन्हें रिकॉर्ड और सही तरीके से अनुवाद करने में समय लग रहा था।

कांग्रेस सांसद ने कहा, इसके अलावा अदालत ने अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया है। इसलिए, कोई जल्दबाजी नहीं है। यह भाजपा सरकार है, जिन्होंने हस्ती में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया और उन्हें सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा। उनकी दुर्भावना से स्पष्ट है। गांधी को उनके मोदी उपनाम की टिप्पणी पर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में अदालत की एक अदालत ने 23 मार्च को दोषी करार दिया था और दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके एक दिन बाद, 16 अक्टूबर को एक सूचना उन्हें यह कहते हुए मिली कि वे अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं, क्योंकि उनकी सजा के दिन से वरीयता प्रभावी होगी।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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