
कोर्ट ने पूरे मामले को अनगिनत कोर्ट ने पूछा कि जांच में सहयोग न करना रिमांड का आधार कैसे? हर किसी को सुनने के बाद कोर्ट का फैसला सुरक्षित रहता है। सिसोदिया की जमानत पर 10 मार्च को सुनवाई होगी।
आबकारी घोटाला मामले में सेंट्रल स्टैच्यू ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कोर्ट में पेश किया। सीबीआइ और मनीष सिसोदिया की तरफ से पेश वकील ने अपना पक्ष रखा। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने मामलों की सुनवाई की। कोर्ट ने पूरे मामले को अनगिनत कोर्ट ने पूछा कि जांच में सहयोग न करना रिमांड का आधार कैसे? हर किसी को सुनने के बाद कोर्ट का फैसला सुरक्षित रहता है। सिसोदिया की जमानत पर 10 मार्च को सुनवाई होगी। वहीं सीबीआई की तरफ से 3 दिन की रिमांड पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को दो दिन के लिए हिरासत में भेज दिया है।
जांच में सिसोदिया ने सहयोग नहीं किया
सीबीआई की तरफ से मनीष सिसोदिया का तीन दिन का रिमांड लिया गया। कोर्ट में सीबीआई की तरफ से कहा गया कि मनीष सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही आमने-सामने बिठाकर पूछताछ किए जाने की बात कही। कोर्ट से कहा गया कि मनीष सिसोदिया एक अभियुक्त की तरह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जज की तरफ से सीबीआई से मामले दर्ज होते हैं। सीबीआइ ने कहा कि कुछ दस्तावेजों का प्रमाण अन्य दस्तावेजों का जिक्र करता है और दस्तावेजों का मीनिंग करता है। वो कह रहे हैं कि ये डॉक्युमेंट मनीष सिसोदिया के पास है, जबकि पूर्व डिप्टी सीएम इस पर किसी भी तरह की हमी नहीं भर रहे हैं। इन गुम या गुम हुए दस्तावेज़ का पता लगाने के लिए मनीष सिसोदिया से पूछताछ की आवश्यकता है। तभी पता चलेगा।
सिसोदिया के वकील ने झूठ को निराधार बताया
वकील ने पेश वकील मनीष सिसोदिया की ओर से रिमांड का विरोध किया। उनकी तरफ से कहा गया कि इन पांच दिनों में क्या हासिल हुआ? जब पांच दिनों में कुछ नहीं मिला तो अगले 3 दिनों में क्या मिलेगा? सिसोदिया ने कहा कि उनके पास सीबीआई की तरफ से हासिल करने के लिए कुछ नहीं है। जांच में सहयोग का आरोप निराधार है। सिसोदिया के वकील ने कहा कि एजेंसी हमसे वही जवाब हासिल करना चाहता है जो वो प्राप्त करना चाहता है।
सीबीआई ने गिरफ्तार किया था
कथित घोटाले से जुड़े रिश्वत के मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने अब रद्द की जा चुकी वर्ष 2021-22 की आबकारी नीति बनायी और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार की स्थिति में 26 फरवरी की शाम को सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया। सीबीआई के अनुसार, गिरफ्तारी करने से पहले उनसे आठ घंटे तक पूछताछ की गई थी, लेकिन उनके कथित जवाब के बारे में नहीं बताया गया था।
कोर्ट ने सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था
अदालत ने 27 फरवरी को सिसोदिया को सीबीआई हिरासत में भेज दिया था ताकि जांच एजेंसी संभव एवं जांच जांच के लिए ”उनके सामने दावे जाने वाले जवाब का ‘वास्तविक एवं वैध’ उत्तर प्राप्त कर सकें। जज ने कहा था कि घटना पहले दो बार जांच में शामिल हुई थी, लेकिन यह देखा गया कि जो सवाल किए गए थे, उन्होंने उनके बारे में कोई जवाब नहीं दिया।
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