
मनीष सिसोदिया
दिल्ली के मुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को उपराज्यपाल वी के सक्सेना को पत्र लिखकर उन पर दिल्ली सरकार के रोज के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट के पहले आदेश का उल्लंघन करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सक्सेना मंत्री को “दरकिनार” कर निर्देश जारी कर रहे हैं। पत्र में सिसोदिया ने यह भी आरोप लगाया कि निर्देशों का पालन नहीं करने पर अधिकारियों को सपोज करने की चेतावनी दी गई।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं कुछ बेहद खतरनाक घटनाओं के आलोक में आपको पत्र लिख रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे नामन में लाया गया है कि आपकी झलक ने हाल के दिनों में विभिन्न आवश्यकताओं को मंगाने की प्रवृत्ति का सहारा लिया है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि आपने संबंधित मंत्री और कैबिनेट को पूरी तरह से नोटिस जारी करते हुए नोटिस तक जारी की और कई कार्यों को मंजूरी भी दी।
‘राजधानी में दिल्ली की चुनावी सरकार है’
सिसोदिया ने आगे लिखा कि आप सरकार को अनदेखे कर सकते हैं यह लेखा-जोखा 239एए में निहित लागू संवैधानिक संरचना के विपरीत है। डिप्टी सीएम ने पत्र के माध्यम से उपराज्यपाल को याद दिलाते हुए कहा कि पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर सभी काम दिल्ली सरकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में दिल्ली की निर्वाचित सरकार है, जो सभी विधानसभा और कार्यकारी निर्णय लेने के लिए बाध्य है। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि टालने योग्य विवाद और झिझक से बचने के लिए समय पर और जरूरी सुधारात्मक कदम उठाएं।
आरोपितब है कि उपराज्यपाल और सब्सक्राइबर सरकार के बीच प्रशासन और नीति संबंधी दस्तावेजों को लेकर अक्सर टकराव होता रहा है। इसमें अब रद्द की जा चुकी दिल्ली की आबकारी नीति भी शामिल है।



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