
एएनआई
बीजेपी के सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपी एफ़टीपी) एक सीट की घोषणा करता है।मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 8 मार्च को होगा। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाग लेंगे।
माणिक साहा को सोमवार को त्रिपुरा में भाजपा के नवनिर्वाचित रूप के नेता के रूप में चुने गए, जिससे लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए कार्यभार का कार्य करने का उनका स्पष्ट मार्ग हो गया। हाल ही में संपन्न राज्य चुनाव में बीजेपी ने 60 सदस्यीय विधानसभा से 32 अटैचमेंट अटैचमेंट किए। बीजेपी के सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपी एफ़टीपी) एक सीट की घोषणा करता है।मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 8 मार्च को होगा। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाग लेंगे।
छह साल पहले कांग्रेस से आए और बीजेपी में छाए
करीब छह साल पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए साहा ने टाउन बोरडोवाली सीट पर कांग्रेस नेता आशीष कुमार साहा को 1,257 वोट से हराया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेता भी इस सीट पर साहा के लिए ”मुकाबला कठिन” मान रहे थे। बीजेपी से 2016 में जुड़े माणिक साहा (69) पिछले साल बनाए गए। डेंटल सर्जन साहा ने कम समय में बड़ी उपलब्धि हासिल की।
हेडलाइट्स से दूर रहने वाले साहा को सौंपी गई कमान
भाजपा के वैचारिक दिशानिर्देश राष्ट्रीय कार्यकर्ता संघ (आरएसएस) ने पाया कि पिछले वर्ष बिप्लब देब की शैली और खराब कानून-व्यवस्था के रिकॉर्ड से पार्टी की लोकप्रियता में कमी आ रही है। वहीं, बीजेपी के समर्थक भी उंगली उठा रहे थे, ऐसे में पार्टी ने केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक सहित कई अन्य नेताओं के बजाय कम चर्चित और हेडलाइंस से दूर रहने वाले साहा को कमान सौंपने का फैसला किया। ‘पाक क्लियर’ छवि वाले साहा को 2020 में बीजेपी की त्रिपुरा इकाई की कमान सौंपी गई और कुछ समय के लिए पिछले साल तीन अप्रैल से चार जुलाई तक वे राज्यसभा के सदस्य भी रहे। एक बार कांग्रेस की वफादारी माने जाने वाले साहा पिछले छह साल में लगातार आगे बढ़ते गए।
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