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‘ममता बनर्जी में अगला पीएम बनने का माद्दा है, लेकिन…’, सातवीं चुनाव पर बोले अमर्त्य सेन

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी में भारत का अगला प्रधानमंत्री बनने का माद्दा है, लेकिन अभी यह स्थापित नहीं हुआ है कि क्या पश्चिम बंगाल की भाजपा की प्रति जनता की निराशा की शक्तियों को झुकाव की क्षमता है । सेन (90) ने कहा कि मुझे लगता है कि क्षेत्रीय दलों की भूमिका स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण है।

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने कहा कि यह डाक टिकट ”भूल जाएगा” कि 2024 का लोकसभा चुनाव एकतरफा तरीके से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में होगा। उन्होंने कहा कि आगामी आम चुनाव में क्षेत्रीय दलों की भूमिका ”साफ पर महत्वपूर्ण” होगी। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी में भारत का अगला प्रधानमंत्री बनने का माद्दा है, लेकिन अभी यह स्थापित नहीं हुआ है कि क्या पश्चिम बंगाल की भाजपा की प्रति जनता की निराशा की शक्तियों को झुकाव की क्षमता है । सेन (90) ने कहा कि मुझे लगता है कि क्षेत्रीय दलों की भूमिका स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि द्रव्मुक एक महत्वपूर्ण दल है, टीएमसी निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है और समाजवादी पार्टी का भी कुछ प्रभाव है, लेकिन क्या इसे अनुक्रमित किया जा सकता है, यह मेरे लिए आसान नहीं है।” उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि यह ठाकुर से इनकार करना एक भूल होगा कि कोई अन्य पार्टी भाजपा का स्थान नहीं ले सकती है, क्योंकि उसने खुद को ऐसी पार्टी के रूप में स्थापित किया है, जिसके शेष देश के लिए जैनियन ईसाई के प्रति आंदोलन हैं।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और जनता दल (यूनाइटेड) सहित कई पार्टियों के नेताओं ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को शामिल करते हुए नया गठबंधन बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नारेबाजी से भाजपा की निश्चित रूप से हार होगी। सेन ने कहा, ”बीजेपी ने भारत का आभास काफी हद तक कम कर दिया है। उन्होंने हिंदू भारत और हिंदी भाषी भारत की विचारधारा को काफी हद तक ओपनिंग से भारत की समझ को लेकर आशंका जताई है। अगर आज भारत में बीजेपी का कोई विकल्प पेश नहीं किया जाता है, तो यह दुख की बात होगी।” उन्होंने कहा, ”अगर बीजेपी और ताकतवर ताकत है, तो उसकी कमजोरियां भी हैं। मुझे लगता है कि अन्य राजनीतिक दल अगर प्रत्यक्ष प्रयास करें, तो एक चर्चा शुरू कर सकते हैं।”

यह दृष्टिकोण पर कि ममता देश की अगली प्रधानमंत्री क्या हो सकती हैं, इस पर सेन ने कहा कि उनमें क्षमता है। उन्होंने कहा, ”ऐसा नहीं है कि उनमें ऐसा करने की क्षमता नहीं है। उनमें स्पष्ट रूप से क्षमता है। दूसरी तरफ, अभी तक यह स्थापित नहीं हुआ है कि ममता एकीकृत तरीके से भाजपा के खिलाफ जनता की निराशा की ताकतों को खींच सकती हैं—। उन्हें लगता है कि कांग्रेस ”कमजोर” हो गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह इकलौती पार्टी है, जो अखिल भारतीय दृष्टिकोण दे सकती है। उन्होंने कहा, ”ऐसा लगता है कि कांग्रेस काफी कमजोर हो गई है और मुझे नहीं पता कि कोई कांग्रेस पर लगातार बनी रह सकती है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस निश्चित तौर पर अखिल भारतीय दृष्टिकोण देती है, जो कोई दूसरी पार्टी नहीं कर सकती। लेकिन, कांग्रेस के भीतर विभाजन है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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