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मालेगांव विस्फोट मामला: एक और गवाह मुकरा, अब तक 30 गवाह पलटे

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मामले की शुरुआत में जांच करने वाले महाराष्ट्र आतंकवाद-रोधी (एटीए) दस्ते के अनुसार, गवाहों ने 2008 में एक बयान दिया था, लेकिन अदालत की कानूनी गवाही के दौरान शिकायत की कि उसे यह याद नहीं है कि उसने जांच एजेंसी को कोई बयान दिया था ।

मालेगांव धमाका मामले में बृहस्पतिवार को 30वां गवाह मुकर गया, जो एक रियल स्टेट एजेंट है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी निगम में शामिल हैं। मामले के एक अभियुक्त लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित गवाहों द्वारा भर्ती गुप्त मुखबिर के रूप में की गई थी। मामले की शुरुआत में जांच करने वाले महाराष्ट्र आतंकवाद-रोधी (एटीए) दस्ते के अनुसार, गवाहों ने 2008 में एक बयान दिया था, लेकिन अदालत की कानूनी गवाही के दौरान शिकायत की कि उसे यह याद नहीं है कि उसने जांच एजेंसी को कोई बयान दिया था ।

इसके बाद अदालत ने उन्हें मुकररा गवाह घोषित कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, वह मामले में मुकरने वाला 30वां गवाह है। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि गवाहों ने गवाहों को बताया था कि वह पुरोहित से एक आरोपित के माध्यम से मिला था और वे संपर्क में थे। एटीएस के अनुसार, बाद में पुरोहित ने उसे सैन्य खुफिया विभाग के लिए जानकारी लेने के लिए नियुक्त किया और उसे एक पहचान पत्र भी दिया। गवाह ने बृहस्पतिवार को अदालत में केवल पुरोहित को मामला और किसी अन्य परिधि को नहीं। कब्जेदार है कि 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में छिपे हुए विस्फोटक में विस्फोट में विस्फोट से हुए विस्फोट से छह लोगों की मौत हो गई थी और करीब 100 लोग घायल हो गए थे। महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित मालेगांव सांप्रादायिक रूप से संवेदनशील शहर है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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