
महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद, आरंग और मुड़ियाडीह इलाके में रायपुर की दो महिलाओं ने मिलकर 151 ग्रामीण महिलाओं से करीब 70 लाख रुपए की ठगी की है। रोजगार और मासिक मानदेय का सपना दिखाकर महिलाओं से आधार कार्ड, फोटो और बैंक लोन के जरिए रकम हड़प ली गई। पुलिस ने दोनों आरोपितों को रायपुर से गिरफ्तार कर लिया है।
रोजगार का सपना, लोन का जाल
आरोपी राखी ध्रुव और पूनम नायक ने 2024 में ग्रामीण महिलाओं को झांसे में लिया। उन्होंने बताया कि वे मां दंतेश्वरी लघु उद्योग योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार दिलाने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने हर गांव में 10-10 महिलाओं के समूह बनाए और कहा कि हर ग्रुप को एक आटा चक्की यूनिट दी जाएगी, साथ ही हर महिला को ₹6,000 मासिक मानदेय मिलेगा।
इसके बाद उन्होंने महिलाओं को बैंक से ₹40,000-₹40,000 के लोन दिलवाए, यह कहकर कि उपकरण इन्हीं पैसों से लिए जाएंगे। लेकिन लोन की रकम खुद रख ली और कुछ महीने तक किस्त भरकर भरोसा कायम रखा।
छह महीने बाद खुली पोल, बैंक ने मांगी किश्तें
शुरुआत में दोनों महिलाओं ने कुछ महीनों तक लोन की किस्त जमा की, जिससे ग्रामीण महिलाओं का भरोसा बना रहा। लेकिन 6 महीने बाद जब किस्त जमा होना बंद हो गया, तो बैंक ने महिलाओं से संपर्क किया। यहीं से उन्हें ठगे जाने का एहसास हुआ। तब जाकर महिलाएं पुलिस के पास पहुंचीं।
तीन गांवों की महिलाएं बनीं शिकार
महासमुंद की 50 महिलाओं से – ₹28.38 लाख की ठगी
आरंग की 79 महिलाओं से – ₹31.60 लाख की ठगी
मुड़ियाडीह की 22 महिलाओं से – ₹8.80 लाख की ठगी
कुल ठगी – ₹68.78 लाख (करीब ₹70 लाख)
‘डर के मारे किसी को नहीं बताया’
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि शुरुआत में उन्हें मानदेय भी मिला, इसलिए उन्होंने घरवालों को कुछ नहीं बताया। लेकिन जब बैंक से किश्त भरने का दबाव आया तो उन्हें समझ आया कि वे ठगी का शिकार हो चुकी हैं। कई महिलाएं ऐसी हैं, जिनके घर वालों को आज तक यह नहीं पता कि उन्होंने लोन लिया है।
पहले से दर्ज हैं मामले
एडिशनल एसपी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि दोनों आरोपी महिलाएं पूर्व में भी ठगी के मामलों में लिप्त रही हैं। दुर्ग जिले के उतई थाने में इनके खिलाफ पहले से ही दो आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
ठगी की शिकार महिलाएं:
प्रिया देवांगन, ममता साहू, उषा सेन, त्रिप्ती दुबे, निशा साहू, कविता साहू, निर्मला कनौजे, कुलेश्वरी सोनकर, संगीता देवांगन, प्रियंका पटेल, खेमिन सोनकर, लिनिता सोनकर, कामिनी देवांगन, धर्मोतिन पटेल सहित कुल 151 महिलाएं इस गिरोह का शिकार बनीं।



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