नई दिल्ली/मुंबई। जहां एक तरफ महाराष्ट्र (महाराष्ट्र) में इस समान तेजी से रेटिंग और राजनीतिक हवाएं बदलती जा रही हैं। इस समय जहां एक तरफ एनसीपी प्रमुख शरद पवार (शरद पवार) ने मोदी सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर अपना विरोध दर्ज करवाकर ये मखौल उड़ाया है। वहीं दूसरी तरफ उनकी बातें अजित पवार (अजीत पवार) भी पीएम मोदी के चुनाव जिताउ करिश्मे की दिल खोलकर उम्मीद कर रहे हैं।
बीजेपी-एनसीपी साथ-साथ!
वहीं इन सबके बीच अब बीजेपी ने एनसीपी के साथ आने की न्योता दे दी है। विशेष रूप से भाजपा नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि, यदि एनसीपी राष्ट्रवाद की दिशाएं छोटी होती जा रही हैं, तो किसी को क्या समस्या है? उद्र, अजित पवार ने भी तो महागठबंधन में पड़ रहे रार के लिए कांग्रेस को एकमात्र जिम्मेदार ठहराया है।
खास बात यह है कि महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और बेरोजगारों ने एक साथ चुनाव लड़ा था। वहीं, NCP तब कांग्रेस के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी। बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था। लेकिन तब सर पोस्ट को लेकर हुए दोनों विचार-विमर्श के विवाद से उनके अलग-अलग राह हो गए थे।
रक्षा मोड पर संजय राउत
ऐसे में मौका पाकर बीजेपी प्रमुख ठाकरे ने NCP और कांग्रेस के साथ मिलकर MVA सरकार बनाई थी। लेकिन फिर एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद हवाई सरकार गिर गई। हालांकि आज भी महाविकास अघाड़ी गठबंधन कायम है, लेकिन अब इसमें कुछ भी पीछे नहीं हट रहा है। ऐसे में अब बीजेपी (उद्धव बाल ठाकरे) के नेता संजय राउत (संजय राउत) ने डिफेंस मोड में आकर कहा कि अजीत पवार (अजीत पवार) का भविष्य राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ बहुत ज्यादा है और वह कभी भी बीजेपी में शामिल नहीं हो सकते।
न्यू गुलमेल अंकल-भतीजे की जोड़ी
जानकारी हो कि, एक ओर जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के मुखिया ने गौतम अडाणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी पर गारंटी जमाते बोर्ड कमेटी की मांग को खारिज कर दिया था तो वहीं उनके अजित पवार ने ईवीएम के मुद्दों पर चिंता जताई आँखे दिखाई दे रही थी। शोक के दिनों में एक घटना में मुख्यमंत्री शिंदे ने राष्ट्रीय निर्णय लिया कि वह ‘पवार पर ध्यान दें।’ माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में अंकल और डील की जोड़ी एक बार फिर कोई नई राजनीतिक गुल खिला सकती है।
नए अंकों का ताना-बाना
पिछले दिनों एक घटना में सीएम शिंदे ने राष्ट्रीय निर्णय लिया कि वह ‘पवार पर ध्यान दें।’ फिर एमएससी बैंक घोटाले में पूर्व उपमुख्यमंत्री व एनसीपी नेता अजीत पवार (अजीत पवार) और उनकी पत्नी सुनेत्रा को बड़ी राहत भी मिली है। । ईडी के चार्ज साइज में दोनों के नाम नहीं हैं। कुल मिलकार महाराष्ट्र के राजनीतिक धरातल पर अब क्या नए आंकड़े जुड़ रहे हैं, ये तो सहीं खाते पर आते ही पता चल जाएगा।
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