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महाराष्ट्र पुरानी पेंशन योजना के कर्मचारियों की हड़ताल एकनाथ शिंदे सरकार तनाव, 14 मार्च से 18 लाख कर्मचारी हड़ताल पर, जानिए उनकी मांग

महाराष्ट्र पुरानी पेंशन योजना हड़ताल: सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग को लेकर राज्य सरकार का तनाव बढ़ गया है। सरकारी और अर्धसरकारी कर्मचारी आज से हड़ताल पर हैं। भोपाल बैठक के साथ कोई हल नहीं शुरू होने पर कर्मचारी हड़ताल पर जाने को तैयार हैं। नतीजतन, राज्य भर में लगभग 18 लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारी को नुकसान हुआ है कि वे सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेंगे, लेकिन इस अधिकार पर नहीं होने पर सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।

हड़ताल के छात्रों पर पड़ेगा असर?
इस बीच इस हड़ताल से आम जनता को खास परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जैसा कि राज्य के शिक्षकों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है, इसकी 10वीं और 12वीं पेपर की परीक्षा काफी हद तक प्रभावित करने वाली है। इसी प्रकार पंचनामा प्रक्रिया में असामयिक क्षति की संभावना को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही सरकारी अनुदानों में लोगों का रोज़मर्रा का काम भी ठप रहने की अनुमान है। इस हड़ताल में राज्य सरकार केन्द्रीय कर्मचारी संघ, महाराष्ट्र, राज्य सरकार-अर्द्धशासकीय, शिक्षक-अध्यापक कर्मचारी संघ समन्वय समिति, महाराष्ट्र भाग ले रहे हैं। राज्य सरकार-अर्धसरकारी कर्मचारियों की इस हड़ताल में शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

जानिए उनकी क्या मांगें हैं?
नई पेंशन योजना को शुरू करना
लंबी सेवा कर्मियों को समान वेतन
सभी अनुबंधों को पूरा करें
अनुकंपा नियुक्ति बिना किसी शर्त के करें
सभी भट्टों को केंद्र से मौज़ूर
संन्यास की आयु 60
नई शिक्षा नीतियों को खत्म करें
स्वास्थ्य कर्मियों की संभावना का समाधान करें

हड़ताल में भाग लेने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई
महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1979 के नियम 6 के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य सरकार-अर्ध-सरकारी कर्मचारी संघ द्वारा हड़ताल अवैध है। इसलिए इस हड़ताल में भाग लेने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव भांगे ने प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों से अपील की है कि वे अपनी हड़ताल वापस लें और सरकार के काम को बिना रुके उचित तरीके से सरकार के सामने रखें ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो।

राज्य सरकार क्या है?
कोल्हापुर, नागपुर, सांगली, थाने समेत कई जगहों पर कर्मचारी संघों ने बहिष्कार किया। उसके बाद इस संबंध में एक अहम मीटिंग हुई। लेकिन, कोई समाधान नहीं निकला तो सोमवार को उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में एक अहम बैठक हुई। लेकिन, कोई हल नहीं निकला और फिर संगठन के आयुक्तों ने हड़ताल की घोषणा कर दी। अगर सभी जगह कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो यह आम लोगों के जीवन पर भी असर डालता है। ऐसे में अब सबकी राय इस बात पर है कि राज्य सरकार क्या शासन करेगी।

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