अधिकारी के अनुसार इसमें से 20 से अधिक लोगों की मौत अकेले ब्रह्मपुरी वन मंडल से हुई है। चंद्रपुर क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक, प्रकाश लोनकर ने ‘पीती-भाषा’ को बताया कि जिले में मानव-पशु संघर्ष को रोकने और कार्य योजना बनाने के लिए हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई।
चंद्रपुर। महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में मानव-पशु संघर्ष के मामलों में वृद्धि के बीच, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने कुछ बाघों को चंद्रपुर के जंगल से पास के नवेगांव-नागझिरा बाघ अभयारण्य में स्थानांतरित करने की अनुमति दी है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल जिले में मानव-पशु संघर्ष में 53 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारी के अनुसार इसमें से 20 से अधिक लोगों की मौत अकेले ब्रह्मपुरी वन मंडल से हुई है। चंद्रपुर क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक, प्रकाश लोनकर ने ‘पीती-भाषा’ को बताया कि जिले में मानव-पशु संघर्ष को रोकने और कार्य योजना बनाने के लिए हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई।
उन्होंने बताया कि इसके बाद उनके कार्यालय ने बाघों को स्थानांतरित किया और उनका पुनर्वास सहित अन्य उपायों के लिए नागपुर के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक को एक प्रस्ताव भेजा। उन्होंने कहा कि एनटीसीए ने हाल ही में चंद्रपुर के ब्रह्मपुरी मंडल से कुछ बाघों को पड़ोसी जिले भंडारा और गोंदिया में पालन नवेगांव-नागझिरा बाघ अभयारण्य (एनएनएरण) में स्थानांतरित करने को अपनी स्वीकृति दे दी। अधिकारियों ने बताया कि इस मंडल से चार-पांच बाघों को एनएनटीआर में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लोनकर ने बताया, ”संरचना सहयोग से स्थानांतरित करने के लिए नर और बाघों की पहचान की है। इन बाघों को पकड़ने की गति अभी थोड़ी धीमी है क्योंकि चिकित्सक पशु आपातकालीन कार्य में लगे हुए हैं।
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