ठाकरे ने साफ कहा कि ऐसा नहीं कि महाराष्ट्र भूषण समारोह पहली बार हुआ, इससे पहले भी कई बार हुआ है। अगर उन्हें इतने बड़े स्तर पर खड़ा करना था तो इंतज़ाम को भी उस स्तर के होने चाहिए। उन्होंने मांग की कि इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान लू लगने से 14 लोगों की मौत के बाद राज्य सरकार की जोरदार आलोचना हो रही है। जबरदस्ती से सत्तापक्ष पर हमलावर है। राज्य सरकार पर खराब व्यवस्था करने का आरोप लगाया जा रहा है। इन सभी के बीच महाराष्ट्र के पूर्व क्रिएटर वाइटर ठाकर ने वर्तमान सरकार पर फोकस साधा है। खारघर में हीटस्ट्रोक से अस्पताल में भर्ती लोगों पर झूमते हुए डेक डेक पर ठाकरे ने कहा कि जिन्होंने अपने ऊपर पैर रखने का दावा किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
ठाकरे ने साफ कहा कि ऐसा नहीं कि महाराष्ट्र भूषण समारोह पहली बार हुआ, इससे पहले भी कई बार हुआ है। अगर उन्हें इतने बड़े स्तर पर खड़ा करना था तो इंतज़ाम को भी उस स्तर के होने चाहिए। उन्होंने मांग की कि इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। वहीं, बीजेपी (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने ‘महाराष्ट्र भूषण समारोह की त्रासदी’ को लेकर बृहस्पतिवार को दावा किया कि इसमें 50 से 75 लोगों की मौत हुई है और महाराष्ट्र सरकार मृत की वास्तविक संख्या छुपा रही है। नवी मुंबई में भीषण गर्मी और तेज धूप के कारण हुई इस घटना में 14 लोगों की मौत हुई और कई अन्य को अस्पताल में भर्ती करने के लिए मजबूर होना पड़ा। चिलचिलाती धूप में आयोजित कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग शामिल हुए।
समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता अप्पासाहेब धर्माधिकारी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राज्य सरकार की संख्या में मरने वालों की वास्तविक छिपाने का आरोप राउत ने कहा, “अगर सभी पत्रकार (रायगढ़ के तालुकों से) के कुल पात्र देखें तो कम से कम 50 और अधिकतम 75 लोगों की मौत हुई है। ‘खोके सरकार’ के लोग अपने घरों में पहुंच गए हैं और अन्य परिवार के सदस्यों की आवाज दबा दी गई है।”