
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को जल जीवन मिशन का मुद्दा जोरदार तरीके से उठा। प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने केंद्र सरकार से प्राप्त राशि का ब्योरा मांगा, जिस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जवाब दिया। इस दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। नेता प्रतिपक्ष ने सीधा तंज कसते हुए कहा कि, “कब तक पिछली सरकार का नाम लेकर बचते रहेंगे?”
2025 तक मिलने वाली राशि पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधानसभा में सवाल किया कि 2025 तक जल जीवन मिशन के तहत केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि का पूरा ब्योरा पेश किया जाए। इस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि फरवरी 2024 तक केंद्रांश के रूप में 191.59 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं, जबकि राज्यांश के रूप में 187.12 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
डॉ. महंत ने कहा कि केंद्रांश और राज्यांश की राशि बराबर होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन के तहत 2250 करोड़ रुपए मिलने थे, लेकिन डबल इंजन सरकार इस राशि को लाने में नाकाम रही है।
भाजपा विधायक के तंज पर महंत का पलटवार
इस पर भाजपा विधायक राजेश मूणत ने पलटवार करते हुए कहा कि, “यह स्थिति पिछली सरकार की गलतियों की वजह से पैदा हुई है। जब कांग्रेस की सरकार थी, तब सही दिशा में काम किया जाता तो ये हालात नहीं होते।”
इस पर डॉ. महंत ने तीखा जवाब देते हुए कहा,
“कब तक पिछली सरकार पर दोष मढ़कर बचते रहेंगे? अगर गड़बड़ी हुई है तो जांच कराइए। लेकिन हर बार पुरानी सरकार का नाम लेकर बचना सही नहीं है।”
काम पूरा, लेकिन भुगतान अटका!
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि भारत सरकार ने जल जीवन मिशन की अवधि 2028 तक बढ़ा दी है। अब तक लगभग 50-60% काम पूरा हो चुका है। कुल 29,126 स्वीकृत योजनाओं में से 41,000 से अधिक टैंक बनाए गए हैं और 5,908 टंकियों का निर्माण हो चुका है, लेकिन पेयजल आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई है।
महंत ने पूछा कि “काम पूरा होने के बाद भी भुगतान क्यों नहीं हुआ?” इस पर साव ने सफाई दी कि भुगतान एक सतत प्रक्रिया है और राशि की उपलब्धता के आधार पर भुगतान किया जाएगा।
ठेकेदारों के काम बंद, फंड की कमी जिम्मेदार?
महंत ने आरोप लगाया कि भुगतान न मिलने के कारण ठेकेदारों ने काम रोक दिया है, जिससे प्रोजेक्ट में देरी हो रही है। इस पर भाजपा विधायक मूणत ने फिर से पिछली सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि पुरानी सरकार की नीतियों के कारण यह समस्या पैदा हुई है।
डॉ. महंत ने दो टूक कहा,
“आप पुरानी सरकार पर आरोप लगाने की जगह जांच करवाइए। अगर गड़बड़ी हुई है तो कार्रवाई कीजिए, लेकिन बहाने बनाना बंद करिए।”
जांच की मांग पर बवाल
धर्मजीत सिंह ने कहा कि सरकार को मामले की जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि, “सरकार को सच्चाई जनता के सामने लानी चाहिए। लेकिन समस्या ये है कि जांच की मांग करने पर ईडी और सीडी के नाम पर जुलूस निकाला जाता है।”













