
- 00 प्रत्येक पूर्णिमा को होती है महानदी की महाआरती
- 00 वर्ष भर में करते है कुल सत्रह बार आरती
- 00 महाआरती के माध्यम से गंगा को स्वच्छ एवं निर्मल रखने के लिये लोगो मे जागरूकता लाने का प्रयास किया जाता है
UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, सिहावा। छत्तीसगढ़ के सिहावा स्थित महानदी संगम स्थल पर मांघी पूर्णिमा महाआरती महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। ब्रह्म मुहूर्त में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और महाआरती में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ अर्जित किया।
यह आयोजन महंत साध्वी प्रज्ञा भारती दीदी जी और वेदरतन सेवा प्रकल्प, राजिम कुंभ के मार्गदर्शन में किया गया। सप्त ऋषियों की तपोस्थली, जगतजननी मां शीतला की पावन धरा, श्री ठाकुर देव बाबा के आशीर्वाद से, श्री कर्णेश्वर महादेव के पावनधाम में स्थित महानदी संगम पर प्रत्येक पूर्णिमा को महाआरती का आयोजन किया जाता है। वर्ष भर में कुल 17 बार यह आरती होती है, जिससे गंगा की स्वच्छता और निर्मलता बनाए रखने के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है।
महाआरती का भव्य शुभारंभ
त्रिदिवसीय भव्य महाआरती महोत्सव का शुभारंभ अंचल के प्रमुख आराध्य देवों के जयघोष और “हर हर गंगे, जय महानंदे” के उद्घोष के साथ हुआ। प्रथम दिवस की प्रातः बेला में विधिवत पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान माननीय धनेश्वर कंवर, थाना प्रभारी उमाकांत तिवारी, अरुण सोम (सेवानिवृत्त TI एवं आजीवन सदस्य, महानदी सेवा संस्थान) की उपस्थिति में महानदी की आरती संपन्न हुई। हजारों श्रद्धालुओं ने मां महानदी की महाआरती में भाग लिया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
“महानदी संगम – भारत का दूसरा प्रयागराज” – सुर्यानंद बाबा
संध्याकालीन गंगा आरती में पहुंचे सुर्यानंद बाबा (अंगिरा ऋषि आश्रम) ने कहा,
“कर्णेश्वर धाम भारत की भूमि पर दूसरा प्रयागराज है। हजारों साधु-संतों का स्नान यह प्रमाणित करता है कि यह भी एक दिव्य प्रयाग तीर्थ है।”
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाए रखने के लिए सभी को जागरूक रहना चाहिए। महाआरती केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता का भी प्रतीक है, जो लोगों को एक-दूसरे के प्रति सद्भावना और आस्था का संदेश देता है।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, भव्य आयोजन में गणमान्य हुए शामिल
महाआरती में महानदी सेवा संस्थान के पूर्व अध्यक्ष गोवर्धन वैष्णव, पूर्व संयोजक पेमेन्द्र पटेल, संस्कृति प्रमुख एवं प्रवक्ता पंकज साहू, पूर्व निधि प्रमुख देवब्रत गौतम, सचिव मुकेश यादव, आचार्य पवन मिश्रा सहित कई गणमान्यजन उपस्थित रहे।
इस पावन अवसर पर दुर्गा महिला मानस मंडली मल्हारी सहित सैकड़ों श्रद्धालु और महानदी प्रहरी उपस्थित थे। सभी ने मां महानदी की महाआरती में सहभागिता कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
महाआरती के माध्यम से जागरूकता का संदेश
महानदी सेवा संस्थान के संरक्षकों ने बताया कि महाआरती न केवल आध्यात्मिक अनुष्ठान है, बल्कि इसके माध्यम से गंगा और अन्य नदियों को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त रखने का संदेश भी दिया जाता है। इस आयोजन से पर्यावरण संरक्षण और संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है।
आस्था और भक्ति से सराबोर रहा सिहावा
इस त्रिदिवसीय महाआरती महोत्सव में सिहावा और आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे। संगम स्थल पर भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जहां लोग महानदी को गंगा का स्वरूप मानकर आराधना करने आए।
“हर हर गंगे, जय महानंदे” के गगनभेदी उद्घोष के साथ यह आयोजन संपन्न हुआ और श्रद्धालुओं ने अगले वर्ष फिर इस महाआरती में सम्मिलित होने का संकल्प लिया।
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