छत्तीसगढ़सुकमा

नवोदय में चयनित माडवी अर्जुन बना पूवर्ती के बच्चों के लिए प्रेरणा, माओवाद के गढ़ से शिक्षा की ओर उठाया सशक्त कदम

UNITED NEWS OF ASIA. कृष्णा नायक, सुकमा | सुकमा ज़िले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र पूवर्ती गांव का नाम अब केवल माओवाद नहीं, बल्कि आशा और परिवर्तन का पर्याय बन रहा है। इसी गांव के निवासी माडवी अर्जुन ने जवाहर नवोदय विद्यालय, पेंटा (दोरनापाल) में कक्षा 6वीं में चयन पाकर न केवल गांव का नाम रौशन किया है, बल्कि पूरे बस्तर अंचल के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।

हिड़मा के गांव से निकली नई सोच
अर्जुन का गांव पूवर्ती, वही क्षेत्र है जिसे कभी माओवादी कमांडर हिड़मा का गढ़ माना जाता था। यहां माओवादी जन अदालतें लगती थीं और विकास की कोई परछाई नहीं थी। आज उसी गांव से एक होनहार बालक राष्ट्रीय स्तर के विद्यालय में चयनित हुआ है, जो बताता है कि बदलाव अब धरातल पर दिखने लगा है।

कठिन परिस्थितियों में अर्जुन की बड़ी उपलब्धि
अर्जुन बालक आश्रम सिलगेर में पढ़ाई कर रहा था। उसके घर में न बिजली है, न पक्की छत। माता-पिता खेती-मजदूरी से घर चलाते हैं, फिर भी उसने मेहनत, लगन और शिक्षकों के मार्गदर्शन से यह सफलता अर्जित की। यह केवल एक छात्र का चयन नहीं, सिस्टम की पुनर्संरचना और सकारात्मक हस्तक्षेप का परिणाम है।

बदलते बस्तर की झलक
बीते डेढ़ वर्षों में राज्य सरकार द्वारा चलाए गए नक्सल उन्मूलन अभियान और विकास कार्यों ने पूवर्ती जैसे क्षेत्रों की तस्वीर बदल दी है। अब वहाँ:

  • सुरक्षा बलों की निगरानी में चल रहे गुरुकुल स्कूल

  • नई सड़कों का निर्माण

  • स्वास्थ्य सेवाएं

  • उचित मूल्य की दुकानों की स्थापना

  • और शिक्षा केंद्रों की उपलब्धता
    जैसे महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे जा सकते हैं। अर्जुन की सफलता, इन सभी पहलों का सजीव उदाहरण है।

प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक सराहना
कलेक्टर  देवेश ध्रुव ने अर्जुन को बधाई देते हुए कहा,

“पूवर्ती जैसे गांव से एक छात्र का नवोदय चयन, न केवल उसकी मेहनत बल्कि जिले की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का प्रमाण है।”

मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने भी अर्जुन की सफलता को छत्तीसगढ़ के बदलते स्वरूप की संज्ञा देते हुए कहा,

“यह उस नव-छत्तीसगढ़ की तस्वीर है जहाँ अब उजाले की बातें हो रही हैं। पूवर्ती जैसे गांव से राष्ट्रीय मंच तक का सफर, हमारी शिक्षा और विकास नीति की सफलता का संकेत है।”

उन्होंने कहा कि अर्जुन जैसे हजारों बच्चों को पंख देने का कार्य सरकार निरंतर करती रहेगी।

माडवी अर्जुन की सफलता बस्तर के उन हजारों बच्चों के लिए एक संदेश है—“अगर संकल्प हो, तो अंधेरे से उजाले तक का सफर भी तय किया जा सकता है।” अब पूवर्ती से सिर्फ एक अर्जुन नहीं, हजारों अर्जुन निकलेंगे, जो छत्तीसगढ़ के भविष्य को नई दिशा देंगे।

 


यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..

आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें


विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787


निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News

Now Available on :

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page