
लखनऊ समाचार: यूपी की जेल (जेल) में बंद कैदियों और बंदियों के आधार कार्ड बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिला जेल लखीमपुर खीरी, जिला जेल करण नगर, केंद्रीय जेल फतेहगढ़, जिला जेल मिर्जापुर, जिला कारागार पीली रहेभीत, जिला जेल गाजियाबाद, जिला जेल आगरा में बंदियों के आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। अपराधियों पर दोष लगाने के लिए ये सबसे पहले की जा रही है। प्रमाण पत्र/बंदियों का आधार कार्ड बनने से उनकी जैविक प्रमाणीकरण भी संभव है।
आपको बता दें कि अपराधियों के बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन और फर्जीवाड़ा पर रोक लगाने के लिए जेल विभाग ने कैद और बंदियों का आधार कार्ड बनवाने का अभियान शुरू किया है। ये विशेष अभियान प्रदेश के 71 जेलों में 31 मार्च तक चलेगा।
आधार कार्ड बनने से बायोमेट्रिक सत्यापन हो सकता है
डीजी जेल आनंद कुमार का कहना है कि पुलिस के शिकंजे से बचने के लिए अपराधी फर्जी नामों से आधार कार्ड या अपना दूसरा पता बना सकते हैं। कई अपराधियों के पास एक से अधिक आईडी होती हैं। जेल में लगे विशेष कैंप में न सिर्फ कैद और बंदियों के नए आधार कार्ड बनाए जाएंगे बल्कि आधार कार्ड अपडेट भी जारी करने का काम होगा।
डिप्टी जेलर ने बताया कि करीब 15 हजार से ज्यादा कैद और बंदियों को इस सुविधा का लाभ दिया जाएगा। इसमें 13500 बंदी/बंदी ऐसे हैं जो नए आधार कार्ड के लिए पंजीकरण कराते हैं जबकि 2100 के आसपास बंदियों/बंदियों का आधार कार्ड अपडेट किया जाएगा। जेल अधिकारी कहते हैं कि कैद/बंदियों का आधार कार्ड बनने से उनका बायोमेट्रिक सत्यापन हो सकता है। उन्हें ट्रैक करना आसान होगा। अगर कोई कैदी या बंदी का पहले से किसी दूसरे नाम से आधार कार्ड बना है तो उसका भी पता चल जाएगा।
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