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“कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता सिर्फ दरी उठाएगा, नेताओं ने पांच साल प्रताड़ित किया” विरोध का स्वर.. कका की राह हुई मुश्किल

कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता सिर्फ दरी उठाएगा, नेताओं ने पांच साल प्रताड़ित किया 

“05 साल कांग्रेस सरकार म कोई कार्यकर्ता के काम नहीं हुईस”

भूपेश बघेल की उपस्थिति मे खुले मंच से कांग्रेस कार्यकर्ता ने व्यक्त की पीड़ा

कार्यकर्ता ने कसा तंज-जनपद चुनाव लड़ने भी दुर्ग-भिलाई-रायपुर से आ जाये

अमूमन कवर्धा मे भी भड़क सकती है विरोध के स्वर, कार्यकर्ताओं की नाराजगी से विधानसभा मे मिल चुकी है करारी हार

“कार्यकर्ता जिंदाबाद” दिल बहलाने को ये नारे बहुत अच्छे लगते है । जब नेता मंच से ये नारा लगाते है तो कार्यकर्ता बड़ी ही ख़ुशी से पुरे उत्साह से अपने नेताओं के जिंदाबाद के नारे लगाने लगता है, वो अपना घर की जिम्मेदारी सब कुछ छोड़कर अपने नेता को विजय तिलक लगवाने निकल पड़ता है एक ऐसे संघर्ष मे जहाँ सफल होने के बाद उसका अस्तित्व सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनकर रह जाएगी ।

अंत मे वो होता है जो राजनीती मे आज चरितार्थ होती है “अपना काम बनता #### मे जाये जनता”

हमारे देव तुल्य पाठकों को नमस्कार

हम आज ऐसी खबर लेकर आये है जो कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की तकलीफ है। ये तकलीफ ऐसी सच्चाई है जिसे 5 सालों तक हर एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने बड़ी करीब से झेला।

खबर राजनांदगाव की है जहाँ कांग्रेस का कार्यकर्ता सम्मेलन चल रहा था जहाँ कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी भूपेश बघेल मंच पर मौजूद थे।

तब राजनांदगाव के ही सुरेन्द्र दाऊ नामक व्यक्ति जो की वर्तमान मे जिला पंचायत के सदस्य भी है,मंच से खुले तौर पर कांग्रेस नेताओं की सच्चाई सामने ला दी।

सुरेंद्र दाऊ ने कार्यकर्ताओं की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा की कार्यकर्ता सिर्फ दरी बिछाने का काम करेगा,अपने नेता के लिए काम तो करता है पर बाद मे उसकी कोई पूछ परख नहीं होती।

पिछले पांच सालों के कांग्रेस सरकार मे कांग्रेस कार्यकर्ता की किसी नेता ने कोई खबर नहीं ली, किसी कार्यकर्ता का कोई काम नहीं किया।

उन्होंने इशारे इशारे मे कांग्रेस के एक बड़े नेता पर सवाल उठाते हुए कहा की पांच साल उनकी तस्वीरें दिखती थी पर अब वो विपक्ष मे कही दिखाई नहीं दे रहे है।

सुरेंद्र दाऊ की ये विडिओ लोगों मे जबरदस्त वायरल हो रही है और कांग्रेस का कार्यकर्ता मन ही मन मे खुद को इनसे जोड़ रहा।

कवर्धा मे भी हो सकता है विरोध

सूत्रों की माने तो कवर्धा मे भी कार्यकर्ता बेहद नाराज चल रहे है। नाराजगीं की वजह पिछले 5 सालों मे उपेक्षित रहना एवं फिर से विपक्ष मे उसी गलती को दौहराया जाना बताया जा रहा है।

पिछले पांच सालों मे तत्कालीन मंत्री से कार्यकर्ता बेहद नाराज थे और आये दिन अपनी नाराजगीं उनसे जताते थे पर सही समय मे नहीं लिए निर्णय एवं कुछ विशेष लोगों से घिरे होने के कारण 60 हजारी मंत्री को बुरी तरह से चुनाव हारना पड़ा था ।

तब कार्यकर्ता नाराज थे क्यूंकि उनका कहना था कि बीजेपी से जुड़े लोगों का काम हो रहा पर कांग्रेस कार्यकर्ता को अपने नेता से मिलने तक का मौका नहीं मिल पर रहा।

वहीँ कवर्धा मे लोकसभा चुनाव का शंख नाद होते ही कांग्रेस के नेताओं का विरोध करके दूसरी पार्टी मे राजनीती करने वाले नेता अचानक से तिरंगे गमछे पर भरोसा जताने लगे है।

कभी भूपेश बघेल का विरोध कर अपनी राजनीती चमकाने वाले और तब जिसे स्वयं भूपेश बघेल बीजेपी की ” बी ” टीम कहते थे वें जोगी कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता आज कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल के साथ नजर आ रहे है।

जिसका असर कही न कही उन कांग्रेस कार्यकर्ताओ पर दिख रहा जिन्होंने 15 सालों तक बीजेपी की सरकार मे भी कांग्रेस के प्रति निष्ठा व्यक्त की थी।

जैसे ही विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस की करारी हार हुई थी कई बड़े नेता जो उस समय मंत्री मोहम्मद अकबर के साथ नजर आते थे अब वो धीरे धीरे खुद को कांग्रेस से दूर करने लगे है।

वजह साफ है की वो सिर्फ राज भोग के लिये कांग्रेस गमछे मे थे..

कुछ नेताओं ने इस्तीफा देकर बीजेपी का साथ भी पकड़ लिया है जिसे देख ये महसूस होता है की किस तरह के लोग से कांग्रेस के नेता घिरे थे।

कार्यकर्ता ही असल पूंजी है अगर समय रहते भूपेश बघेल इस बात को समझ गए तो यक़ीनन चुनाव मे कार्यकर्ता जी जान लगाकर उन्हें जीत दिला सकता है अन्यथा विधानसभा चुनावों से आये परिणाम जन मानस के सामने है…

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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