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छिपकली मिली या लापरवाही? कस्तूरबा बालिका विद्यालय में नाश्ते के बाद 80 बच्चियां बीमार, फूड पॉइजनिंग की आशंका

UNITED NEWS OF ASIA. झारखंड | झारखंड के दुमका जिले स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शनिवार सुबह नाश्ते के बाद अचानक 80 छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
बच्चियों को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद तत्काल सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अब भी 30 बच्चियों का इलाज जारी है। प्रारंभिक जांच में फूड पॉइजनिंग की आशंका जताई गई है, वहीं नाश्ते में छिपकली मिलने की बात ने पूरे मामले को और संवेदनशील बना दिया है।

 क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, छात्राओं ने शनिवार सुबह विद्यालय में नाश्ता किया। कुछ ही देर बाद बच्चियों को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत शुरू हुई।
हालात बिगड़ते देख स्कूल प्रशासन ने तत्काल एम्बुलेंस बुलाकर 80 बच्चियों को अस्पताल भेजा

सदर अस्पताल में पहुंचने पर 50 बच्चियों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि बाकी 30 का इलाज चल रहा है। फिलहाल सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।

नाश्ते में छिपकली की आशंका: अफवाह या सच्चाई?

कई बच्चियों और अभिभावकों ने दावा किया है कि नाश्ते में छिपकली थी, जिसके बाद बच्चियां बीमार हुईं। हालांकि, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने नमूने एकत्र कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

शिक्षा विभाग ने कहा – लापरवाही नहीं बर्दाश्त

जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिला टुडू ने मीडिया को बताया, “प्रारंभिक जांच में फूड पॉइजनिंग की पुष्टि हुई है। सभी बच्चियां खतरे से बाहर हैं। अगर लापरवाही पाई गई तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।”

शिक्षा विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी किए हैं।

राजनीतिक और प्रशासनिक सक्रियता

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक व मंत्री संजय यादव के पुत्र रजनीश यादव अस्पताल पहुंचे और बच्चियों के इलाज की व्यवस्था का जायजा लिया।
उन्होंने अस्पताल प्रशासन को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
वहीं, जिला प्रशासन ने भी फूड सैंपल जांच के लिए भेजे हैं और रसोई की स्वच्छता व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी है।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले

यह पहली बार नहीं है जब कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में फूड पॉइजनिंग की घटना सामने आई हो। विशेषज्ञों का मानना है कि रसोईघर की निगरानी और नियमित खाद्य निरीक्षण की कमी ऐसी घटनाओं की जड़ है।

आगे क्या होगा?

  • खाद्य नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों की पहचान होगी।

  • रसोई और खाद्य आपूर्ति प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी के आदेश दिए गए हैं।

  • भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए नई गाइडलाइन लागू की जाएगी।

 


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