
UNITED NEWS OF ASIA . महेंद्र शुक्ला, कोरिया । बस स्टैंड स्थित भूपेंद्र क्लब की भूमि से हाल ही में प्रशासन द्वारा हटाए गए 22 दुकानदारों के समक्ष रोज़ी-रोटी का गहरा संकट उत्पन्न हो गया है। वर्षों से इसी स्थान पर दुकान लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे ये दुकानदार बुलडोजर की कार्रवाई के बाद अब बेरोजगार और असहाय हो गए हैं।
इस गंभीर स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हाफिज मेमन ने प्रशासन से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने और शीघ्र पुनर्वास की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन दुकानदारों का एकमात्र आय स्रोत छिन गया है, और अब इनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुँच गए हैं।
प्रशासन से संवेदनशीलता की अपेक्षा
हाफिज मेमन ने कहा,
“ये सभी दुकानदार वर्षों से भूपेंद्र क्लब परिसर में अपनी आजीविका चला रहे थे। प्रशासन को इन्हें हटाने से पहले पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी। अब जब कार्रवाई हो चुकी है, तो कम से कम अब इन्हें पास के किसी स्थान पर वैकल्पिक दुकानें देकर पुनः स्थापित किया जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि यदि प्रशासन चाह ले, तो इन दुकानदारों को स्थायी और सुव्यवस्थित व्यापारिक स्थल प्रदान किया जा सकता है, जिससे वे स्वाभिमान के साथ अपनी आजीविका फिर से शुरू कर सकें।
विकलांग, महिला और वृद्ध दुकानदार भी प्रभावित
स्थानीय सूत्रों के अनुसार हटाए गए दुकानदारों में कुछ महिलाएं, वृद्ध नागरिक और विकलांग व्यक्ति भी शामिल हैं, जो पहले ही सीमित संसाधनों में जीवन यापन कर रहे थे। अब उनके सामने न सिर्फ आर्थिक संकट बल्कि मानसिक तनाव की भी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
स्थानीय व्यापारियों में असंतोष
इस घटना के बाद स्थानीय व्यापारी संगठनों और नागरिक समूहों में भी नाराजगी देखी जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए इस प्रकार की कठोर कार्रवाई जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने भी प्रशासन से पुनर्वास की मांग की है।
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