क्राइमछत्तीसगढ़

बरगद की जड़ की तरह जिले में फैला अवैध शराब, सट्टे का जाल, सटोरियों के साथ सटोरानियाँ भी संलिप्त। इतना ही नहीं ! थाना कोतवाली से महज 100 मीटर की दूरी पर चल रहा अवैध शराब और सट्टे का कारोबार, “उत्कृष्ट पुलिसिंग पर अवार्ड”

यूनाइटेड न्यूज ऑफ़ एशिया । कवर्धा : एक ओर जहां छत्तीसगढ़ सरकार जहा अपने चुनावी एजेंडे में शामिल शराबबंदी को लेकर अगले चुनाव में जनता को जवाब देने की तैयारी में लगी है। वही दूसरी ओर अब शराब सरकार की उचित मूल्य की शराब दुकानों में कम और शहर के साथ जिले के हर गली मोहल्लों में आसानी से उपलब्ध होने लगी है।

वैसे कहने को तो सरकारी दुकान अपने निर्धारित समय पर बंद हो जाती है लेकिन अवैध रूप से बिक रही गली मोहल्लों के गैर सरकारी दुकानों में आप इसे अपने सहूलियत के हिसाब से अपने समय पर थोड़ी अधिक मूल्य देकर ले सकते है । शराब के साथ आपके शराब के खर्च को मेंटेन करने का भी पूरा इंतजाम किया गया है । आप चाहे तो पैसे लगाकर अंक गणित में भी अपना भाग्य आजमा सकते है और पलक झपकते ही आपकी किस्मत बदल सकती है । 

जिले में बढ़ते अपराध, अनाचार की एक के बाद एक की घटनाओं ने जहां कबीरधाम की अलग पहचान बना दी है वही क्या इन सब घटनाओं के पीछे कही बे – लगाम अवैध शराब की सहज उपलब्धता और नशा खोरी तो नही।सोचने की बात यह है कि क्या पुलिस तंत्र को इन सब की जानकारी नही। 

जिले के साथ साथ शहर के हर गली मोहल्लों में नामचीन हस्तियों का संरक्षण प्राप्त अवैध शराब और सट्टे का कारोबार की जड़ें इतनी मजबूत हो चुकी है की अब ऐसा प्रतीत होता है के कार्यवाही पर पुलिस भी कतराने लगी है । शहर के कई रिहायशी इलाकों, मेन रोड के पान दुकानों, घरों मे अब सटोरियों के साथ साथ अब महिलाएं भी इस अवैध कारोबार को कार्यवाही के अभाव में बुलंद हौसले के साथ चला रही है ।

शहर में अवैध शराब और सट्टे की जड़े इतनी फैल चुकी है के थाना कोतवाली कवर्धा से महज 100 मीटर की दूरी पर ही पूरा कारोबार संचालित हो रहा है । जो शहर के बेहतरीन पुलिस कम्यूनिटिंग की गवाह है ।

विगत दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस के द्वारा जिस प्रकार महादेव बुक ऑनलाइन सट्टा एप पर ताबड़तोड़ कार्यवाही की गई थी और उक्त मामले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सख्त कानून लागू करने की बात कही है कबीले तारीफ है । लेकिन इतने बड़े कार्यवाही के बाद अभी भी अवैध शराब और सट्टे के मामले में आखिर वही पुरानी धारा जुआ एक्ट एवम अन्य धारा के तहत कार्यवाही करके खाना पूर्ति कर दिया जाता है ।

पूरे मामले पर ऐसा तो हो नहीं सकता के आला अफसरों और जिला प्रशासन के संज्ञान में न हो । लगता है अवैध शराब और सट्टे के कारोबार पर भी आने वाले समय में “जिले के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी को कुछ दिनों पूर्व मिले अवार्ड की तरह” जिले के कई विभागों को अवार्ड मिलने वाला है ?

खैर अवार्ड मिले न मिले अवैध शराब और सट्टे के इस बढ़ते अपराधिक मामले पर सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है कदाचित कार्यवाही के अभाव में सोशल मीडिया में वायरल हुए कमलेश के वीडियो की तरह कहीं पूरा शहर कमलेश मय न हो जाए ।

देखें कमलेश की वीडियो एक बार फिर से 

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