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लाइफ इज़ गुड रिव्यू: लाइफ़ इज़ गुड रिव्यू: लाइफ़ इज़ गुड रिव्यू

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जैकी मैडम की फिल्म ‘लाइफ इज गुड’ हुई रिलीज।
फिल्म में परिवार के बारे में महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं।

मुंबई. जीवन है और इसके हर पल में हर खूबसूरत इंसान का जीना बेहद जरूरी है। साथ ही जिंदगी अकेले नहीं कटती, यह बेहतर तरीके से जीने के लिए जरूरी है। कुछ इस ताने-बाने के बीच फिल्म ‘लाइफ इज गुड’ की शुरुआत हुई। आज रिलीज हुई यह फिल्म वैसे तो चार साल पहले बनी थी लेकिन ​कई शेयरों से अटकी हुई थी और आखिरकार अब रिलीज हो गई है। फिल्म में जैकी मैडम अहम भूमिका में हैं, जो जिंदगी जीने की कहानी को बयां करते हैं।

कहानी: फिल्म की कहानी पोस्टऑफिस में काम करने वाले अकाउंटेंट ट्रांसफार्मर्स (जैकी कंपनी) के स्वामित्व में है। वह अपनी माँ की मृत्यु के बाद जीवन में काफी अकेलापन महसूस करती है। ऐसा लगता है कि मेरी मां के साथ ही उनकी सारी खुशियां भी छीन ली गई हैं। वह व्यक्ति अत्यधिक अवसाद से मरकर आत्महत्या करने का भी प्रयास करता है। इस बीच उनकी जिंदगी में मिष्टी नाम की बच्ची की शुरूआत होती है। फिर से कई घुमाव वाली कहानी है. मिष्ठी की शादी के बाद एक बार फिर से राठौड़ की जिंदगी में खालीपन आ जाता है।

अभिक्रियाएँ: आम आदमी और उसके जीवन के स्टूडियो को जैकी मार्केट ने बड़े पैमाने पर आकर्षक शैली में प्रस्तुत किया है। रॉबर्ट्स के काफी किरदारों में जैकी ने थाहने की कोशिश की है और वे इसमें अभी तक कामयाब हो रहे हैं। मिष्ठी की भूमिका में अनन्या और सान्या ने भी अच्छा अभिनय किया है।

निर्देशन: अनंत नारायण महादेवन के निर्देशन में बनी इस फिल्म का स्क्रीनप्ले कैसा हुआ है। फिल्म बड़े सामान्य अंदाज में जिंदगी में अकेले और परिवार की महत्ता को तोड़ना है। मिठी और रामाधार के बीच कुछ सीन काफी अच्छे हैं, जो दर्शकों को बांधते हैं। फिल्म का म्यूजिक भी कनेक्टिंग है.

अगर आपको कुछ इमोशनल और जिंदगी की सच्चाईयों से फिल्म देखने का मन है तो यह फिल्म आपके लिए है।

विस्तृत रेटिंग

कहानी:
स्क्रिनप्ल:
डायरेक्शन:
संगीत:

टैग: मनोरंजन समाचार।, छवि समीक्षा, जैकी श्रॉफ

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